लखनऊ: शिक्षामित्र ने समायोजन के मुद्दे पर राज्य सरकार से वार्ता विफल होने से नाराज शिक्षामित्र सोमवार को लखनऊ में प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठे हुए थे । प्रदर्शन के लिए पूरे प्रदेश से शिक्षामित्र लखनऊ में जुटे हैं और इनकी संख्या करीब ढाई लाख तक होने का दावा किया जा रहा है। यहां भीड़ सुबह छह बजे से ही शिक्षामित्रों ने इंटौजा में सड़क जाम कर दी थी।
जिलों से आ रहे शिक्षामित्रों को पुलिस ने लखनऊ सीमा पर ही रोक लिया जिसे लेकर उनमें आक्रोश दिखा और उन्होंने सड़कों पर बसें रोककर विरोध प्रदर्शन किया। और शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में शिक्षामित्र रविवार देर रात ही राजधानी पहुंचने लगे थे। जबकि प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है।
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गोंडा, ललितपुर, लखनऊ, झांसी से आ रहे शिक्षामित्रों को वहीं गिरफ्तार कर लिया गया। शिक्षामित्रों ने टीईटी से छूट दिलाने, ‘समान कार्य समान वेतन’ की तर्ज पर मानदेय बढ़ाने और अध्यादेश जारी कर उनकी समस्या के स्थायी समाधान का रास्ता निकालने की मांग की है।
यह आन्दोलन रविवार से ही शुरु हुयो थी। रविवार को ही शिक्षामित्रों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए इंतजाम कर लिए गए थे। सीएम आवास, विधानसभा एनेक्सी और राजभवन के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समायोजन की मांग को लेकर शिक्षा मित्र आंदोलनरत हैं।
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पिछले दिनों उन्होंने विधानसभा के सामने धरना-प्रदर्शन किया था। इस दौरान लाठीचार्ज भी हुआ था, और सुचना के मुताबिक आसू गैस भी छोड़े गए थे। इसके बाद शिक्षामित्रों ने व्यापक आंदोलन की घोषणा की थी। सरकार से वार्ता विफल हो जाने के बाद प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ व संयुक्त शिक्षा मित्र समिति ने आज लक्ष्मण मेला मैदान में एकत्र होकर धरना, प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
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