सरकार की बड़ी चेतावनी: बिटकॉइन में निवेश से डूब सकती है आपकी गाढ़ी कमाई…
पिछले एक साल में फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी एफपीआई, डमेस्टिक म्यूचुअल फंड्स और इंश्योरेंस फर्मों ने टॉप 100 लिक्विड कंपनियों की लिस्ट से बाहर की कंपनियों में अपनी होल्डिंग क्रमश: 2.80, 2 और 1.3 पर्सेंटेज पॉइंट्स तक बढ़ाई है। छोटी कंपनियों में एफआईआई की दिलचस्पी कितनी ज्यादा है, इसका पता इसी से चलता है कि एवरेडी इंडस्ट्रीज, ग्रीव्ज कॉटन, ला ओपाला, ग्रैन्यूल्स इंडिया, जेके टायर्स जैसी 65 अरब से कम मार्केट कैप वाली कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी 7 से 20 पर्सेंट के बीच है। इंडेक्स में वेट के हिसाब से टॉप 10 सिक्यॉरिटीज के रिटर्न में औसतन 95 पर्सेंट बढ़ोतरी हुई है। इन कंपनियों में इडलवाइज फाइनैंशल सर्विस, पेज इंडस्ट्रीज, क्रॉम्पटन ग्रीव्ज कन्ज्यूमर, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, दीवान हाउजिंग और टाटा ग्लोबल बेवरेज शामिल हैं।
इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स इनमें इसलिए दिलचस्पी ले रहे हैं क्योंकि ये लॉन्ग टर्म में कंपाउंडिंग प्रॉफिट जेनरेट कर सकती हैं। इनका बिजनस मॉडल ठोस है। ये सभी फैक्टर्स लिक्विडिटी से जुड़ी इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स की सबसे बड़ी चिंता दूर करते हैं। लॉन्ग टर्म में स्मॉल कैप कंपनियों का रिटर्न इन कंपनियों में स्टेक बाइंग का पूरा खर्च आराम से निकल जाता है। मिसाल के लिए, ऑफ हाइवे टायर बनाने वाली कंपनी बालकृष्ण इंडस्ट्रीज ग्लोबल प्लेयर्स को सस्ते में प्रॉडक्ट्स ऑफर करके अपना मार्केट शेयर बढ़ाने में जुटी है। कंपनी को सस्ते लेबर प्राइस का फायदा मिल रहा है जो मीडियम टर्म में खत्म होने नहीं जा रहा। एमएससीआई इंडिया स्मॉल कैप इंडेक्स में 270 सिक्यॉरिटीज हैं और इसका रिटर्न डॉलर में कैलकुलेट किया जाता है। इसमें शामिल कंपनियों का औसत मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 93 अरब है।
ऐक्टिव फंड्स इसको बेंचमार्क के तौर पर यूज करते हैं जबकि पैसिव फंड्स एमएससीआई में तय उनके वेटेज हिसाब से उसमें निवेश करते हैं। 2017 में एमएससीआई इंडिया स्मॉल कैप इंडेक्स के आधार पर जारी बहुत से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में बड़े पैमाने पर निवेश आया और इनसे निवेशकों को रिटर्न भी जोरदार मिला। स्मॉल कैप शेयरों में बाजार की बढ़ती दिलचस्पी के चलते इंडियन स्मॉल कैप शेयरों पर आधारित वैनेक वेक्टर्स इंडिया स्मॉल कैप इंडेक्स ईटीएफ और कोलंबिया इंडिया स्मॉल कैप ईटीएफ जैसे एक्सचेंज ट्रेडेट फंड्स (ईटीएफ) ने इस साल 65 पर्सेंट से ज्यादा रिटर्न दिया है।