फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर की आने वाली फिल्म ‘इंदु सरकार’ के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म के जरिए गांधी परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन फिल्म के निर्देशक मधुर भंडारकर का कहना है कि ये अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है.
हाल ही में मधुर को पुणे और नागपुर में अपनी फिल्म का प्रमोशन रद्द करना पड़ा था क्योंकि कांग्रेस के कार्यकर्ता होटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.
मधुर ने न्यूज18 से Exclusive बातचीत के दौरान कहा है कि कांग्रेस इतनी पुरानी और इतनी बड़ी पार्टी है फिर भला वो एक फिल्म से क्यों डर रही है. मधुर ने ये भी कहा कि कांग्रेस अभिव्यक्ति की आजादी की बातें करती है तो फिर उनकी फिल्म को लेकर इतना हंगामा क्यों मचा है .
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मधुर सेंसर बोर्ड से भी नाराज है क्योंकि सेंसर बोर्ड ने फिल्म में करीब 16 कट लगाने के लिए कहा है और मधुर सेंसर बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ अपील का मन बना रहे हैं. मधुर के मुताबिक सेंसर बोर्ड ने फिल्म में अकाली, आरएसएस, कम्यूनिस्ट और किशोर कुमार जैसे शब्दों को हटाने के लिए कहा गया है
मधुर के मुताबिक सेंसर बोर्ड को फिल्म के कुछ डायलॉग्स पर भी आपत्ति है. मधुर का कहना है कि जब ट्रेलर को लोगों ने इतना पसंद किया है और वहां किसी ने इस पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई तो फिर फिल्म पर इतने सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं
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मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदु सरकार’ इमरजेंसी के दौर पर आधारित है. जिसमें इंदु नाम की एक महिला आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाती है. कांग्रेस का आरोप है कि फिल्म के जरिए इंदिरा गांधी और संजय गांधी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है. जबकि मधुर भंडारकर का कहना है कि सिर्फ ट्रेलर देखकर कांग्रेस के नेता अनुमान लगा रहे हैं जबकि उन्हें पहले पूरी फिल्म देखनी चाहिए.
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