डोनाल्ड ट्रंप के युग की शुरुआत के साथ ही अमेरिका कई मोर्चों अपनी नीतियों का आकलन कर रहा है.. भारत, इंडोनेशिया,मलयेशिया और वियतनाम अभी तक अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नई व्यापार नीतियों से बचे हुए हैं.. लेकिन आने वाले समय में मुमकिन है कि ये देश ट्रंप की नीतियों के शिकार बन जाएं.. अमेरिका इन सभी देशों के साथ बड़े व्यापारिक घाटे में है.. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका 12 देशों की ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप से बाहर आ गया है. और उसने जापान, चीन और साउथ कोरिया की ट्रेड पॉलिसी पर हमला बोला है. इसके साथ ही अमेरिका नए टैक्स सुधार में अपने आयातों पर अतिरिक्त टैक्स लगा सकता है.. जिसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.. ट्रंप की इन संरक्षणवादी नीतियों पर चिंता जताई जा रही है.

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भारत के साथ घाटे में अमेरिका 
खबरों के मुताबिक, जिन देशों के साथ अमेरिका व्यापारिक घाटे में है.. उन देशों पर इस नीति का व्यापक प्रभाव पड़ सकता है.. जहां तक भारत की बात है तो इसका अमेरिका के साथ व्यापार WTO के नियमों और 2005 के ट्रेड पॉलिसी फोरम के आधार पर होता है.. भारत-अमेरिका का व्यापार 2005 में 29 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2015 में 65 बिलियन डॉलर हो गया.. भारत भारी मात्रा में अमेरिका में आईटी सर्विस, टेक्सटाइल, कीमती पत्थरों का निर्यात करता है.. अमेरिका भारत के साथ भी काफी व्यापार घाटे में है.. इसके बावजूद अभी तक ट्रंप और पीएम मोदी के बीच रिश्ते काफी गर्मजोशी से भरे हैं.. लेकिन दोनों नेताओ के बीच व्यापार संबंधित बातचीत नहीं हुई है..
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फिलहाल ट्रंप के कैंपेन का मुख्य निशाना अभी चीन है.. लेकिन,उसके दोस्त देश भी अमेरिका की पॉलिसी को लेकर चिंतित हैं.. ट्रंप के ट्रे़ड वॉर से डरे हुए जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे.. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के बाद दो बार वहां का दौरा कर चुके हैं.. जबकि,पीएम मोदी को ट्रंप ने अमेरिका आने का न्योता दिया है..
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