मधुमक्खी तो आप सभी ने देखी ही होगी. वैसे तो ये तारक की प्रजाति की होती है. इनके बारे में कई तरह की बातें प्रचलित हैं. जैसे कि ये सिर्फ पीले और काले रंग की होती हैं, इनकी एक ही प्रजाति होती है, जो शहद बनाती हैं, इनका डंक बहुत जहरीला होता है. लेकिन ये सारी बातें पूरी तरह से सच नहीं है. आज हम आपको मधुमक्खियों के बारे में कुछ खास और रोचक तथ्य बताने जा रहे है, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे और कहेंगे कि ये तो हम जानते ही नहीं थे.
बता दें कि आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मधुमक्खियों की 20 हजार से ज्यादा प्रजातियां इस धरती पर मौजूद हैं, जिनमें घरों में अक्सर दिखने वाली मक्खी भी शामिल है. हालांकि इनमें शहद बनाने वाली मधुमक्खी सबसे ज्यादा प्रचलित होती है. आपको शायद ही ये बात पता होगा कि मधुमक्खियों की कुछ ही प्रजातियां शहद बनाना जानती हैं. इनमें सबसे बेहतरीन यूरोपीय हनी-बी को माना जाता है. दक्षिण एशिया में मधुमक्खियों की करीब छह ऐसी प्रजातियां हैं, जो शहद बनाती हैं. भारत में पाई जाने वाली भुनगा या डम्भर मधुमक्खी आकार में सबसे छोटी होती है और यह सबसे कम शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी है. इनके शहद का स्वाद थोड़ा खट्टा होता है, लेकिन आयुर्वेद में ये शहद सबसे उत्तम माना जाता है. इनकी खासियत है कि ये जड़ी बूटियों के उन नन्हें फूलों से भी पराग इकट्ठा कर लेती हैं, जहां तक बाकी मधुमक्खियां पहुंच भी नहीं पातीं. इनका वैज्ञानिक नाम ‘एपिस मेलीपोना’ है.
हालांकि मक्खियों की ज्यादातर प्रजातियां डंक नहीं मारती हैं, केवल मधुमक्खी ही ऐसा करती है. वैज्ञानिकों के अनुसार, नर मधुमक्खी कभी डंक नहीं मारती है. ऐसा सिर्फ मादा मधुमक्खी ही कर सकती है. मधुमक्खी या मक्खी सिर्फ काले और पीले रंग की ही नहीं होती है बल्कि ये हरे और नीले रंग की भी होती हैं. उत्तर अमेरिका में पाई जाने वाली एगापोस्टेमोन स्पेलेंडेंस नाम की मक्खी हरे और नीले रंग की होती हैं जबकि यही पर पाई जाने वाली वैली कारपेंटर बी (जाइलोकोपा वारिपुंक्टा) काली और पीली दोनों रंग की होती है. इसमें मादा मक्खी काली होती है जबकि नर मक्खी पीली.
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