वर्ष 2018 का यह मामला है, जिसमें तत्कालीन समय में रामखेलावन राठौर अनूपपुर के नगर पालिका अध्यक्ष थे। जिनके कार्यकाल में 24 अपात्र व्यक्तियों को आवास योजना का लाभ दे दिया गया था। जिसकी शिकायत नगरी विकास एवं आवास विभाग से की गई थी। जिसपर जांच के पश्चात विभाग के द्वारा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष से राशि की वसूली किए जाने के आदेश जारी किए हैं।
प्रकरण के संबंध में बताया गया कि नगर पालिका के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रथम चरण में बी एल सी घटक के तहत 450 आवासीय इकाइयों की स्वीकृति की गई थी। जिसके लिए आभा कंसलटेंसी सागर को नगर पालिका के द्वारा कंसल्टेंट नियुक्त किया जाकर सर्वे कराया गया तथा 450 हितग्राही चिन्हित किए गए।
14 अगस्त 2017 को हितग्राहियों की सूची अनुमोदन के लिए कलेक्टर को भेजा गया। जहां परिषद के संकल्प के आधार पर यह सूची अनुमोदित कर दी गई। इसके पश्चात कलेक्टर को अनुमोदित सूची में अपात्र व्यक्तियों को शामिल किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई, जिसके आधार पर जांच दल गठित किया गया। इस जांच में 450 में से 24 हितग्राही अपात्र पाए गए। इसके पश्चात कलेक्टर के द्वारा तीन सदस्य निरीक्षण दल का गठन किया गया, जिनके द्वारा घर-घर जाकर अपात्र हितग्राहियों के आवास का निरीक्षण किया गया। जिसमें 16 हितग्राही अपात्र पाए गए। जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष रामखेलावन राठौर पर जानबूझकर अपात्र हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने के आरोप लगे थे।
5 लाख 2 हजार 500 रुपये की वसूली के आदेश
इस मामले में नगरी विकास एवं आवास विभाग के द्वारा तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष रामखेलावन राठौर से इस गड़बड़ी को लेकर के जवाब मांगा गया, जिसका संतोषजनक जवाब प्रस्तुत न किए जाने पर उपसचिव मध्य प्रदेश शासन नगरी विकास एवं आवास विभाग हर्षल पंचोली के द्वारा जारी आदेश में मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 35 क में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष अथवा किसी समिति का अध्यक्ष का पद आगामी 5 वर्ष तक धारण करने के लिए निर्रहीत किया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र हितग्राहियों को दी गई राशि 10 लाख 5 हजार में 50 प्रतिशत राशि 5 लाख 2 हजार 500 की वसूली तात्कालिक नगर पालिका अध्यक्ष रामखेलावन राठौर से किए जाने की आदेश जारी किए गए हैं। इस मामले पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रामखेलावन राठौर का कहना है कि अभी तक मुझे ऐसे किसी भी आदेश की जानकारी नहीं है। यदि आदेश हुआ भी है तो इसकी सूचना मुझे नहीं दी गई है।