मध्यप्रदेश में बालाघाट जिले की कोर्ट ने एक आरोपी को दोहरी सजा सुनाई है। आरोपी पर आरोप है कि उसने आठ साल की बच्ची के साथ दुराचार किया था। कोर्ट ने जुर्माने से भी दंडित किया है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालाघाट के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट नोसिन खान ने अबोध बालिका के साथ दुराचार करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। न्यायालय ने आरोपी को छह हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से भी दंडित किया है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रीता यादव ने अभियोजन की तरफ से पैरवी करते हुए न्यायालय को बताया, नौ जुलाई 2023 को आठ वर्षीय अबोध बालिका की मां घर में कपड़े धो रही थी। पति और सास बाहर गए हुए थे और दोनों बेटियां बाहर खेल रही थी। आरोपी आशीष बिसेन सुबह लगभग 11 बजे घर आया और अबोध बच्ची के साथ दुराचार कर रहा था, तभी उसकी मां पहुंच गई। आवेदिका ने आरोपी को मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करते हुए देखा था। उसके द्वारा हल्ला मचाए तो आरोपी भाग गया। आरोपी को भागते हुए पड़ोसियों ने देखा था।
बारासिवनी थाना पुलिस ने पीड़ित मां की शिकायत पर पॉक्सो और दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण की सुनवाई के दौरान पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायालय ने धारा-450 में दोष सिद्ध पाए जाने पर सात वर्ष का कठोर कारावास एवं दो हजार रुपये के अर्थदंड धारा- 3, 2 एससी-एसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपये के अर्थदंड एवं धारा- 3,1 एससी-एसटी एक्ट में एक वर्ष का कठोर कारावास एवं दो हजार रुपये के अर्थदंड तथा धारा 5, 6 पॉक्सो एक्ट में दोहरा आजीवन कारावास से दंडित किया है।
क्या होती है दोहरी उम्रकैद
दोहरी उम्रकैद, इसका शाब्दिक अर्थ है कि उम्रकैद की एक अवधि खत्म हो जाने के बाद फिर से वही सजा। मौजूदा कानून व्यवस्था में दोहरा आजीवन कारावास भी कुछ वैसी ही व्यवस्था। इसमें किसी जुर्म में जेल में डाला गया आदमी जेल में ही दम तोड़ देता है।
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