सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चार पहिया और दो पहिया वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। इससे सड़क दुर्घटना के पीड़ित मुआवजा पा सकेंगे। बीमा कंपनियां इसे मानवीय आधार पर देखें न कि कारोबारी निगाह से। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट समिति की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए यह कहा।
इसके साथ ही अदालत ने कहा कि हर साल सड़क दुर्घटनाओं में भारत में एक लाख लोग मारे जाते हैं। पूर्व न्यायाधीश जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि दो पहिया या चार पहिया वाहनों की बिक्री के समय एक साल की जगह क्रमशः पांच और तीन साल की अवधि के लिए थर्ड पार्टी बीमा को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि देश की सड़कों पर करीब 18 करोड़ वाहन चलते हैं। इनमें से केवल छह करोड़ के पास ही थर्ड पार्टी बीमा है। सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिलता है क्योंकि वाहनों के पास थर्ड पार्टी कवर नहीं होता है।
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