महिला आरक्षण बिल पेश कर बड़ा सियासी दांव खेला, इसका कितना फायदा मिलेगा, यह देखने वाली बात होगी। बड़ी उम्र में पुरुषों के मुकाबले महिला वोटरों की संख्या ज्यादा होने की वजह से भाजपा और कांग्रेस का ध्यान महिला वोटर की ओर है |
विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लगने से पहले ही भाजपा ने संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पेश कर बड़ा सियासी दांव खेला। क्या राजस्थान विधानसभा चुनावों में भाजपा को इसका फायदा मिलेगा, ये तो वक्त ही बातएगा।
राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस के कैंपेन और योजनाओं के केंद्र में इस बार महिलाएं ही हैं। इधर, भाजपा ने भी सांसद दीया कुमारी को विधानसभा चुनावों में उतार कर महिलाओं को बड़ा मैसेज देने की कोशिश की है। जिस विद्याधर नगर सीट से दीया कुमारी को प्रत्याशी बनाया गया है वह भाजपा की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि दीया कुमारी को राजस्थान भर में प्रचार के लिए आगे किया जाएगा। इससे महिला और राजपूत दो फैक्टर साधे जाएंगे।
क्यों है कांग्रेस-भाजपा का महिलाओं पर फोकस
इसकी वजह है महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत। प्रदेश में 60 से लेकर 99 आयु वर्ग के मतदाताओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं आगे हैं। 60 से 69 आयु वर्ग के मतदाताओं में पुरुष वोटरों की संख्या 2617332 है, जबकि महिलाओं की संख्या 2619051 है। जैसे-जैसे आयु वर्ग बढ़ता है वैसे-वैसे महिला मतदाताओं की संख्या भी बढ़ती जाती है। 70 से 79 आयु वर्ग में पुरुष  मतदाता 1220726 हैं वहीं महिला मतदाता 1413173 हैं। वहीं 80 से 89 आयु वर्ग में पुरुष वोटर 373931 और महिलाओं की संख्या 580011 है।
90 से 99 आयु वर्ग में महिला वोटर पुरुषों के मुकाबले 3 गुना
महिला वोटर और पुरुष वोटरों की संख्या में सबसे बड़ा फर्क 90 से 99 आयु वर्ग में देखने को मिल रहा है। इस आयु वर्ग में महिला वोटरों की संख्या पुरुषों के मुकाबले करीब 3 गुना है। 90 से 99 आयु वर्ग में पुरुष वोटरों की संख्या जहां 59 हजार है वहीं महिला वोटरों की संख्या 1 लाख 43 हजार  से ज्यादा है।
गुलाबी पोस्टर से लेकर महिलाओं के लिए इतने कैंपेन
सीएम अशोक गहलोत ने इस साल बजट से ही महिलाओं के लिए घोषणाओं और योजनाओं की झड़ी लगा दी थी। उनके प्रचार के पोस्टरों का रंग भी इस बार महिला थीम पर गुलाबी रखा गया। योजनाओं की बात करें तो -बचत राहत बढ़त, महंगाई राहत, स्मार्ट फोन, सत्ता सिलेंडर, मुफ्त राशन, फ्री बिजली जैसी योजनाएं महिलाओं को ध्यान में रखकर ही चलाई गई। इन योजनाओं में करीब 1.90 करोड़ महिलाओं का पंजीकरण भी किया गया। कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ अपने प्रचार में  महंगाई को भी बड़ा मुद्दा बनाया है। इसलिए उसे उम्मीद है कि इस बार महिलाओं का साथ उसे मिलेगा।
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