अक्सर मां अपने बच्चे को बोतल में दूध पिलाने के लिए इस सोच में रहती है कि कौन से बोतल में बच्चे को दूध पिलाना बेहतर है, क्योंकि आज कल बाज़ार में कई प्रकार के विकल्प मौजूद हैं. जिसके चलते हम समझ नहीं पाते है कि प्लास्टिक की बोतल बेहतर या कांच की बोतल. अगर आप अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए प्लास्टिक की बोतल का चयन कर रहे है तो आपको कुछ बातों को  जानना जरुरी है. इस आर्टिकल को पढ़े और सावधानी बरतें. 
क्या आप जानते है प्लास्टिक की बोतल में रासायनिक द्रव्य की परत या कोटिंग होने के कारण जब आप बोतल में गर्म दूध डालते है तब ये बोतल का रसायन दूध में मिल जाता है, जिससे ये दूध के जरिए बच्चे के शरीर में पहुचता है और इससे बच्चे को नुकसान पहुंचाता है. अगर आप कांच की बोतल का चुनाव कर रहे है तो इसके भी अपने नुकसान होते है जैसे कि भारी होने के कारण ये ज़मीन पर गिर से तुरंत टूट जाती हैं.
आईये जानते है कांच की बोतल के फायदे और नुकसान
कांच की बोतल बेहतर है या फिर प्लास्टिक की
प्लास्टिक की बोतल की बात करे तो इसमें बिस्फेनॉल नमक रसायन की कोटिंग होती है जो बच्चे को नुकसान पहुचाती है, जिस के कारण बच्चे का दिमाग कमज़ोर होता है साथ ही प्रजनन प्रणाली को भी नुकसान पहुँचता है. और अगर कांच की बोतल की बात करे तो इसमें किसी भी तरह का कोई भी रसायन नहीं पाया जाता है.
कांच की बोतलों के फायदे
कांच की बोतल की बात करे तो इसमें किसी भी तरह के रसायन की कोटिंग नहीं होती है और न इसमें पेट्रोलियम उत्पादन का प्रयोग किया जाता है. कांच की बोतल में गर्म दूध डालने पर किसी भी तरह का रसायन अवशोषण नहीं होता है. कांच की बोतल को अच्छे से साफ़ करके आप इसमें दूध को लंबे समय तक गर्म भी रख सकते है.
कांच की बोतलों के नुकसान
कांच की बोतल कुछ हद तक भारी होती हैं जिससे टूटने का खतरा रहता है. कांच की बोतल प्लास्टिक की बोत्तल से महंगी होती है साथ ही इसकी अधिक देख-भाल की जरुरत होती है.
कांच की बोतल के फायदे और नुकसान के बारे में जानने के बाद आप तय करे कि आपके शिशु के लिए क्या बेहतर है.
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