पूर्व सीएम हरीश रावत और जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने नमामि गंगे परियोजना पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि गंगा बेसिन ऑथरिटी के दौरान हुए कार्यों नमामि गंगे परियोजना से बेहतर था। उन्होंने कहा कि इस वक्त हिमालय और गंगा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
पूर्व सीएम हरीश रावत और जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान राजेंद्र सिंह ने कहा कि कहा कि गंगा को लेकर मोदी सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में गंगा के लिए कोई नया काम नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने उनसे मार्च 2019 तक का मांगा है।
मोदी ने गंगा के नाम पर मांगे थे वोट
राजेंद्र सिंह ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि आज मां गंगा आइसीयू में भर्ती है। मां गंगा के बेटे वादा करके भूल गए हैं। जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने उत्तराखंड सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा रिस्पना कोसी नदी को बचाने की योजना महज एक इवेंट है। इतना ही नहीं उन्होने ये तक कह दिया कि ये सिर्फ पब्लिसिटी के लिए था। उनका कहना है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को तील सलाह दी थी, जो उन्होंने नहीं मानी है।
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