माफिया अतीक की बीवी शाइस्ता परवनी के विदेश भागने की आशंका जताई गई..
March 23, 2023
पुलिस का कहना है कि शाइस्ता परवीन की नकाब वाली फोटो ही सार्वजनिक हुई है जबकि बेनकाब वाली तस्वीर के बारे में सभी को नहीं पता है। गिरफ्तार अपराधियों के बयान से यह साबित हो चुका है कि शाइस्ता शुरू से ही इस साजिश से जुड़ी रही।
माफिया अतीक की बीवी शाइस्ता परवनी के विदेश भागने की आशंका जताई गई है। ऐसे में उसे विदेश जाने से रोकने के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया जाएगा। इसके लिए पुलिस की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। उमेश हत्याकांड के मुकदमे में शाइस्ता भी अतीक समेत अन्य के साथ नामजद अभियुक्त है।
पुलिस का कहना है कि शाइस्ता परवीन की नकाब वाली फोटो ही सार्वजनिक हुई है, जबकि बेनकाब वाली तस्वीर के बारे में सभी को नहीं पता है। इसी का फायदा उठा फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भाग सकती है।
साजिश का हिस्सा थी शाइस्ता परवीन
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक गिरोह के गिरफ्तार पांच मददगारों से पूछताछ में पता चला कि अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन भी साजिश की सभी बैठकों में बराबर शामिल होती थी। उसने आखिरी बैठक में शूटरों से कहा था कि इंशाल्लाह, हमें उमेश को जान से मारकर कामयाब होना है। उसने शूटरों से कहा कि यह हक की लड़ाई है जिसे जीतना ही होगा। जो जीतेगा वही जी सकेगा।
हर ग्रुप कॉल में होती थी शामिल
वह ग्रुप काल में भी शामिल रहती थी। 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक अहमद और अशरफ के साथ शाइस्ता परवीन को भी आपराधिक साजिश में नामजद अभियुक्त बनाया था। पुलिस जांच में शाइस्ता की भूमिका उजागर होती गई।
चकिया वाले घर में होती थी बैठक
अब तक गिरफ्तार अपराधियों के बयान से यह साबित हो चुका है कि शाइस्ता परवीन शुरू से ही इस सनसनीखेज वारदात के षड़यंत्र से जुड़ी रही है। अब मंगलवार को नकदी और दस हथियारों के साथ गिरफ्तार पांच लोगों से पूछताछ में भी शाइस्ता की कारगुजारियों के बारे में पता चला है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अतीक के घरेलू नौकर कैश अहमद तथा मुंशी राकेश कुमार उर्फ लाला ने स्वीकारा कि उमेश पाल के कत्ल के लिए चकिया वाले घर में शूटरों की बैठक होती थी।
शाइस्ता बार-बार कहती थी कि बहुत हो गया… अपनी इज्जत वापस लानी है
इस दौरान जेल में बंद अतीक और अशरफ भी ग्रुप वीडियो काल से जुड़ते और रेकी करने से लेकर गोली मारकर भागने के तरीके पर अपनी बात रखते थे। इन्हीं बैठकों के दौरान शाइस्ता बार-बार कहती रहती थी कि बहुत हो गया, अब इस काम को अंजाम देकर अपनी इज्जत वापस लानी है, हमारा नाम गूंजना चाहिए। उसे मारकर कामयाब होना है और इंशाल्लाह ऐसा होगा।