बैडमिंटन के फाइनल मुकाबले में देहरादून निवासी सूर्याक्ष रावत भले ही हार गए हों, लेकिन उम्र में खुद से छह वर्ष बड़े खिलाड़ी को कड़ी टक्कर देकर तजुर्बे का मैच अपने पाले में कर लिया। मैच समाप्त होने के बाद प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी तमिलनाडु के सतीश कुमार के. ने सूर्याक्ष की पीठ थपथपाकर उनकी प्रतिभा की सराहना की।
बैडमिंटन खिलाड़ी सूर्याक्ष 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी उम्र महज 18 वर्ष है। उन्होंने बैडमिंटन के सात दिनों तक खेले गए मुकाबले में विरोधी टीम के खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर देकर फाइनल में जगह बनाई थी। मंगलवार को वह बहुत कम अंक के अंतर से हार गए।
भविष्य का लक्ष्य सेन
इससे प्रदेश को स्वर्ण पदक भले ही न मिल पाया हो, लेकिन भविष्य का लक्ष्य सेन मिल गया है। सूर्याक्ष खुद से अधिक उम्र और अनुभव के खिलाड़ी से मात्र 21-17, 21-17 के स्कोर से ही हारे हैं। उन्होंने बातचीत में बताया कि फाइनल में खेले गए दो सेट में पहले में शुरुआत से पीछे हो गए थे।
इसके बाद दर्शकों के प्रोत्साहन और सूझबूझ से प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को कड़ी टक्कर देने में सफल रहे। जबकि दूसरे सेट में उन्होंने शुरुआत से ही बढ़त बना ली थी। लेकिन, बाद में वे जीत दिलाने वाला स्कोर नहीं हासिल कर सके।
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