तारीख पर तारीख मिलने के बाद भी न्याय की कोई आस मिलती न देखा आज एक महिला मुजफ्फरनगर की फैमिली कोर्ट में छत पर पहुंच गई। वहां पर उसने चिल्ला चिल्लाकर कहा कि कूदकर जान दे दूंगी। महिला के इस कदम से कोर्ट में कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गए। किसी तरह पुलिस को बुलाकर महिला को नीचे उतारा गया।
मुजफ्फरनगर में मुकदमे की पैरवी पर आई महिला छत पर पहुंच गई और न्याय न मिलने का हवाला देते हुए जान देने की कोशिश करने लगी। इससे कोर्ट परिसर में अफरा तफरी मच गई। पुलिस ने किसी तरह महिला को छत से उतारा और अपनी हिरासत में ले लिया।
शामली जनपद के गांव खेडी करमू निवासी विजेंद्र सिंह की बेटी साक्षी का विवाह 13 मई 2014 को मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव बोपाड़ा निवासी धनवीर के बेटे सनी के साथ हुआ था। विवाह के बाद से ससुराल वाले दहेज के लिए तंग कर रहे थे। इसी बीच उसने बेटे को जन्म दिया लेकिन कुछ दिन बाद ही ससुराल वालों ने उसे घर से निकाल दिया। साक्षी दस दिन के बेटे को लेकर अपने मायके पहुंच गई। मायके में करीब तीन वर्ष रहने के बाद जून 2017 में दोनों पक्षों के बीच समझौता तो हो गया लेकिन ससुराल वालों का शोषण जारी रहा।
बीते वर्ष ससुराल वालों ने मारपीट कर भगा दिया, जबकि तीन वर्ष के बेटे अक्षत को अपने पास रख लिया। इसको लेकर साक्षी ने मंसूरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद उसने वकील के माध्यम से मुकदमा फैमिली कोर्ट में डाला। बीते छह महीने से कोर्ट में तारीख पर तारीख लग रही है, मगर ससुराल पक्ष से कोई नहीं पहुंचा। आज भी विवाहिता की कोर्ट में तारीख थी।
लंबे समय बाद भी न्याय न मिल पाने से आहत विवाहिता फैमिली कोर्ट की छत पर पहुंच गई ओर कूदकर आत्महत्या करने की बात कहने लगी। उसने छत से कूदने की भी कोशिश की। यह नजारा देख लोगों ने शोर मचाया तो कोर्ट परिसर में तैनात पुलिसकर्मी और सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची। काफी प्रयास के बाद साक्षी को छत से उतारकर सिविल लाइन थाने भिजवाया।
एसओ सिविल लाइन डीके त्यागी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। विवाहिता का ससुराल पक्ष से मुकदमा चल रहा है। पुलिस सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।