जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल कांड को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने मुरथल में 9 रेप होने की बात कहकर सनसनी मचा दी है। गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि जाट आरक्षण आंदोलन की जांच के लिए गठित प्रकाश सिंह कमेटी के सदस्य आईएएस विजय वर्धन से उन्हें यह जानकारी दी थी।Breaking News: नहीं थम रहा BRD हॉस्पिटल में मासूमों की मौतों का सिलसिला, 24 घंटों में 15 मासूमों ने तोड़ा दम
विजय वर्धन को यह जानकारी कमेटी के दूसरे सदस्य हरियाणा के पूर्व डीजीपी के पी सिंह से मिली थी। उन्होंने सवाल किया कि अगर मूनक नहर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है तो मुरथल गैंगरेप मामले की जांच क्यों नहीं।
अनुपम गुप्ता ने बताया कि इस बारे में जब कोर्ट को मैंने बताया था तो विजय वर्धन ने दबाव में इससे इंकार कर दिया था। हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के कहने मैंने विजय वर्धन से बात की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि यह बेंच पहली बार यह केस सुन रही है और ऐसे में पिछले सभी आदेशों को पढ़ने के बाद वो इस पर सुनवाई करेेगी।
वीरवार को मामले की सुनवाई आरंभ होते ही एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने कहा कि मुरथल गैंग रेप मामले में सरकार का रुख अब भी नकारात्मक है। वह रेप की घटना को स्वीकार करने को तैयार ही नहीं हैं। अनुपम गुप्ता ने आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज एफआईआर का हवाला देते हुए कहा कि इतने बड़े पैमाने पर अनट्रेस रिपोर्ट इसकी गवाही दे रही है कि सरकार कुछ करना ही नहीं चाहती।
ऐसे में जांच सीबीआई को सौंपी जाए ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके । उन्होंने बताया कि एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार मुरथल गैंग रेप मामले में अब तक कोई पीड़ित ही नहीं मिला है ऐसे में जांच आगे नहीं बढ़ रही। जाट आंदोलन के दौरान हुए दंगों में मुनक कनाल के तोड़फोड़ की जांच हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बता सीबीआई को सौंप दी थी लेकिन जब मुरथल गैंग रेप की घटना की जांच सीबीआई से करवाए जाने की मांग की जाती है तो सरकार इसका विरोध करती है।
एमिकस क्यूरी ने कहा जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान पूरे हरियाणा में मुरथल गैंग रेप सहित 1212 एफआईआर दर्ज की गई थीं। इनमें से 921 केस में अनट्रेस रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। 184 मामलों में रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है।
केवल 173 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा 81 मामलों में चालान पेश किया गया है। 1105 मामलों को अनअटेंडेड की श्रेणी में रखा गया। तय है कि इस घटना के डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी दोषी पकडे़ नहीं गए।