भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार दूसरे महीने सुस्ती देखने को मिली है। धीमें आउटपुट और नए ऑर्डर में कमी के कारण अगस्त महीने में भी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई कमजोर रहा है। यह जानकारी एक सर्वे के जरिए सामने आई है।
निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त महीने में गिरकर 51.7 पर आ गया, यह जुलाई महीने में 52.3 पर रहा था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पीएमआई इंडेक्स में 50 से ऊपर का स्तर अर्थव्यवस्था में विस्तार को और इससे नीचे के स्तर को अर्थव्यवस्था में संकुचन की स्थिति माना जाता है।
नवीनतम आंकड़ों ने जुलाई की तुलना में विनिर्माण स्थितियों में सुधार की एक और मामूली गति की ओर इशारा किया है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और इस रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने बताया, “अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक भारत के विनिर्माण क्षेत्र में विकास की गति में और कमी आई है।”
महंगाई अब भी अर्थव्यवस्था के लिए चिंता की बात है। वहीं डोढिया ने आगे कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी के कारण इनपुट कीमतों पर ऊपरी स्तर पर दबाव जारी है।
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