उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित शमशान में नवरात्री के समय ऐसा अद्भुत रिवाज निभाया जाता है, जिसे देखकर सामान्य लोग दंग रह जाते हैं. इस कार्यक्रम में आला अधिकारीयों से लेकर कला जगत की हस्तियां भी शामिल होती हैं. यहाँ के रिवाज के मुताबिक नवरात्री में सप्तमी के रात्रि को बनारस के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर नगर वधुएं जलती चिता के सामने नृत्य करती हैं.
दरअसल यहाँ एक मंदिर है मशान नाथ मंदिर, जिसे अकबर के समकालीन राजा मानसिंह ने 16 वीं शताब्दी में यह मंदिर बनवाया था. राजा मानसिंह ने मंदिर पूर्ण होने के पश्चात् देश भर के संगीतज्ञों को निमंत्रण दिया, लेकिन कोई नहीं आया. उस समय मंगल कार्यों के दौरान नृत्य और स्वरांजलि देने की परंपरा थी, इसी को देखते हुए राजा मानसिंह ने फिर देश भर की नगरवधुओं को आमंत्रित किया.
राजा का निमंत्रण पाकर देश भर से नगरवधुएं गंगा तट पर एकत्रित हुईं और मशान मंदिर में पूजा कर नृत्य किया. यह पहली बार था जब किसी महिला ने मशान मंदिर में मुक्ति के लिए पूजा की. उसके बाद से हर नवरात्र के सप्तमी तिथि को यह रिवाज़ बनारस के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर पूरा किया जाता है, जिसमे देश भर की नगरवधुएं हिस्सा लेती हैं. नगरवधुओं का कहना है कि वे संगीत की साधना और मुक्ति के लिए ये नृत्य करती हैं.
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