एड्स के मरीजाें के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से क्षयरोग और एचआईवी को जड़ से खत्म करने के लिए अनूठी पहल की गई है। जिला क्षयरोग विभाग इन रोगियों को मोबाइल पर एसएमएस के जरिए दवा खाने की याद दिलाएगा।
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जब तक रोगी दवा नहीं खाएगा उसे लगातार एसएमएस भेजे जाते रहेेंगे। दवा खाने के बाद रोगियों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से दवाई के रेपर पर लिखे टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल देनी होगी। विभाग को पता चल जाएगा कि रोगी ने दवा खा ली है। जिले में क्षयरोग के 2013 और एचआईवी के 120 रोगी हैं।
फिलहाल एसएमएस भेजकर दवा खाने की अपील टीबी व एचआईवी रोगियों से की जाने लगी है। इन रोगियों को विभाग मुफ्त दवा मुहैया कराता है। इनका रजिस्ट्रेशन भी विभाग में किया जाता है। इनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर एसएमएस भेज दवा खाने की अपील की जा रही है।
क्षयरोग विभाग के सीनियर सुपरवाइजर राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिले में निजी प्रैक्टिस करने वाले एमबीबीएस चिकित्सकों को क्षयरोग विभाग के निश्चय पोर्टल पर नाम दर्ज कराना होगा। विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन के दौरान चिकित्सक को लॉगिंग-आईडी दी जाएगी। उनके पास आने वाले टीबी रोगियों की जानकारी चिकित्सक को इस पर अपडेट करनी होगी। क्षयरोग में रजिस्ट्रेशन न कराने वाले चिकित्सक पर विधिक कार्रवाई भी हो सकती है।
मेडिकल स्टोर संचालकों को भी टीबी की दवा खरीदने वालों का ब्योरा रखना होगा। रजिस्टर में किस चिकित्सक से सलाह ली है इसकी जानकारी दर्ज करनी होगी। यह जानकारी हर माह क्षय विभाग को मुहैया करानी होगी। जिले में क्षय रोगियों की संख्या सर्वाधिक कुरारा क्षेत्र में यमुना पट्टी के गांवों में है। वहीं सुमेरपुर और मौदहा में क्षय रोगी अधिक हैं।
जिला क्षयरोग अधिकारी डा.महेशचंद्रा ने बताया क्षय रोगियों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं। दवा खाने के बाद उन्हें रैपर पर लिखे टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल करनी होती है। निश्चल पोर्टल पर प्राइवेट चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पिछले दिनों बैठक कर निर्देश दिए जा चुके हैं। विभाग को जानकारी रखनी है कि जिले में कितने क्षय रोगी हैं उनका उपचार कहां चल रहा है।
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