यूपी : ब्राह्मण विरोधी बयान को लेकर अखिलेश यादव का विरोध

इटावा कांड के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कथित ब्राह्मण विरोधी बयान को लेकर ब्राह्मण समाज में व्यापक रोष देखने को मिल रहा है। पूरे उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के लोग सपा प्रमुख के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को अखिलेश यादव के आजमगढ़ आगमन से पहले जिले भर में ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने अपने घरों पर काला झंडा लगाकर विरोध दर्ज कराया।

अखिलेश यादव बुधवार को आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर कंधरापुर थाना क्षेत्र के अनवरगंज स्थित अपने नवनिर्मित आवास और कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे। लेकिन इससे पहले जिले के कई क्षेत्रों में अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा और विश्व हिंदू महासंघ के आह्वान पर ब्राह्मण समाज ने काला झंडा लगाकर शांतिपूर्ण विरोध किया।

ब्राह्मण बहुल उगर पट्टी, चेवता, गौरी नारायणपुर (कंधरापुर क्षेत्र), बनहरा (रौनापार), गजहड़ा (मुबारकपुर), चेवार (देवगांव) और पलथी (दीदारगंज) जैसे गांवों में सैकड़ों ब्राह्मण परिवारों ने घरों पर काला झंडा लगाकर अपना विरोध प्रकट किया।

ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि इटावा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, जिसमें दोषियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। लेकिन इसके बावजूद अखिलेश यादव द्वारा पूरे ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करना अत्यंत निंदनीय है। उनका कहना है कि गांवों में सभी जातियों के लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं, लेकिन सपा अध्यक्ष के बयान ने ब्राह्मण और यादव समाज के बीच सामाजिक दूरी बढ़ाने का कार्य किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान पूरी तरह से राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से दिया गया है, जो अस्वीकार्य है। विरोध कर रहे ब्राह्मण समाज ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और वे सिर्फ काले झंडे लगाकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं।

आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। जिले की सभी 10 विधानसभा सीटों और दोनों संसदीय सीटों पर सपा का कब्जा है। ऐसे में अखिलेश यादव के गढ़ में ब्राह्मण समाज का खुला विरोध पार्टी के लिए 2027 के चुनाव से पहले एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

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