प्रदेश भाजपा में सियासी रार फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बृहस्पतिवार को बुलाई गई बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या फिर नहीं पहुंचे। जबकि वह सीएम आवास के बगल में ही स्थित अपने सरकारी आवास पर रहे और कई पूर्व व वर्तमान मंत्रियों से मुलाकात की । केशव के बैठक में नहीं पहुंचने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही केशव मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होने वाली किसी भी बैठक में नहीं जा रहे हैं। यहां तक वह कैबिनेट की बैठकों से भी दूरी बनाए हुए हैं। इसे लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बैठक में शामिल न होने को लेकर केशव से संपर्क करने की भी कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। अलबत्ता केशव के एक करीबी का कहना है कि जिस समय सीएम की बैठक थी, उस समय उप मुख्यमंत्री का कहीं एक और कार्यक्रम था, इसलिए वह बैठक में नहीं पहुंच पाए।
पूर्व मंत्रि मोती सिंह समेत कई लोगों से मिले
केशव सीएम की बैठक में भले ही नहीं गए, पर पूरे दिन अपने आवास पर नेताओं व जनप्रतिनिधियों से मिलते रहे। केशव से बृस्पतिवार को पूर्व मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी और राज्यमंत्री दिनेश खटीक समेत कई लोगों ने मुलाकात की। इसकी जानकारी खुद केशव ने अपने एक्स हैंडल से देते हुए फोटो भी शेयर किया है।
इसी बीच बुधवार को अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने भी सीएम से मुलाकात कर प्रदेश के सियासी माहौल को गरमा दिया है। सूत्रों के मुताबिक पल्लवी मुख्यमंत्री आवास पर करीब 25-30 मिनट रही। पल्लवी की सीएम से क्या बात हुई इस पर पल्लवी कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। जबकि उनके करीबी सूत्रो का कहना है कि वह अपने क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मिलने गई थीं। बता दें कि भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री को ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर पत्र लिखा था, जिसे लेकर सियासी तुफान उठा था। ऐसे में अब पल्लवी की मुख्यमंत्री से मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।