अफ्रीका के घाना के 6 गांव में रहने वाली चुडैल दादी नानी की कहानियों में नहीं बल्कि हकीकत में अपनी एक अलग कहानी कहती है, आइए जानते हैं।
बचपन में हम सभी ने दादी व नानी से चुडैल और डायन की कई प्रकार की कहानियां सुनी होगी। बडे होने में पता चलता है कि दरअसल इस दुनिया में चुडैल और डायन जैसी कुछ नहीं होती है। लेकिन घाना के ये 6 गांव ऐसे है जो चुडैलों के गांव के नाम से जाने जाते है।

बताया जा रहा है कि जहां वो महिलाएं रहती है जिन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है। घाना में इस तरह के 6 गांव है, जिनमें से गांव गांबागा और गुशीगू प्रमुख माने जाते है। ऐसी महिलाओं की संख्या 1500 के आसपास ही होती है। चुडैलों के इस गांव में महिलाएं झोपडिय़ां बनाकर रहती है और आप-पास के खेतों में काम करके अपना गुजारा करती है।

दरअसल, एक अंधविश्वास के कारण इस गांव की महिलाओं को चुड़ैल घोषित कर दिया जाता है। फिर इन महिलाओं को इतनी प्रताडित किया है कि वह अपना घर-परिवार सब छोडऩे को मजबूर हो जाती है।

कई बार तो इस गांव में जिंदा महिला को भी जला दिया जाता है। अंधविश्वास के पीछे का एक अजीबोगरीब कारण बताया जाता है कहा जाता है कि अगर इस गांव में सांप के काटने से किसी की भी मौत हो जाती है तो कई औरतों को चुड़ैल घोषित कर उन के साथ प्रताडित की जाती है। जिसके चलते महिलाएं अपने ही गांव से निकाली जाती है और गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाती है।
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