राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच भाजपा ने अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले है, लेकिन आगे काफी कुछ होने के संकेत दिए है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि बहुत कुछ पर्दे के पीछे है और होना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमारे सारे विकल्प खुले है। हम यह देखेंगे कि परिस्थितियां किसी तरह बनती है और उसके आधार पर निर्णय करेंगे।
राजस्थान की सियासी उठापटक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की बगावत के बाद लोगों की नजर भाजपा के रूख पर है, लेकिन पार्टी अभी खुल कर सामने नहीं आ रही है। पार्टी के नेता संकेतों में ही बात कर रहे है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मीडिया से बातचीत मे कहा कि इस सरकार की बुनियाद अंतरकलह पर है। राज्यसभा चुनाव में डैमेज कंट्रोल कर लिया, लेकिन अब फूट सामने आ गई।
सरकार निर्दलियों और बसपा के विधायकों के दम पर टिकी हुई है
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को 125 वोट मिले थे जो अब कम हो गए है। यानी वह आंकड़ा बनावटी था। यह सरकार निर्दलियों और बसपा के विधायकों के दम पर टिकी हुई है। उन्होने कहा कि कांग्रेस की सरकार लोगों के मन से उतर गई है और इसका चले जाना लोगों के हित में है। आगे की स्थितियों के बारे में पूनिया ने कहा कि हम परिस्थितियों को देखेंगे और उसके आधार पर निर्णय करेंगे। सारे विकल्प खुले है। हम आलाकमान के निर्देशों से बंधे है। जैसा निर्देश देंगे, वैसा काम करेंगे।
पायलट के प्रति सहानुभूति
पूनिया की बातों में पायलट के प्रति सहानुभूति भी नजर आई। उन्होंने कहा कि पांच साल तक पायलट ने घूम घूम कर पार्टी को खडा किया और आज जब उनकी उपेक्षा हुई तो नतीजा सबके सामने है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गांधी नेहरू परिवार के पिछलग्गू नेताओं को ही सत्ता का सुख मिलता रहा है। यही कारण है कि नई पीढी के नेताओं में आक्रोश है। यह साबित हो गया कि कांग्रेस ने युग के अनुसार खुद को नहीं बदला।
गहलोत के नजदीकियों पर आयकर छापा महज संयोग
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकियों पर आयकर छापों के बारे में पूनिया ने कहा कि यह महज संयोग होगा। यह एजेंसियां स्वतंतत्र तौर पर काम करती है और कार्रवाई का निर्णय एकाएक नहीं होता। इसके लिए काफी तैयारी की जाती है।
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