राम लला के आगमन पर दिल्ली के व्यापारियों की चांदी रही। श्रद्धा और उत्साह के बीच बाजार में बूम दिखा। बड़े व्यापारियों से ज्यादा फायदे में छोटे कारोबारी रहे। एक अनुमान के अनुसार, भक्ति व आस्था में डूबे बीते एक सप्ताह में करीब 25,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। इससे लोकल फॉर वोकल को भी बढ़ावा मिला।
कुम्भकारों ने बड़ी संख्या में दीप बना कर कमाई की तो पटुका, झंडा, बैनर, मंदिर की प्रतिकृति, घरों को सजाने में इस्तेमाल होने वाले सामान निर्माण करने वालों को भी फायदा हुआ। गली-मुहल्लों में फूल बेचने वाले और बड़ी संख्या में भंडारा लगने से किराना और सब्जी विक्रेता भी इससे लाभान्वित हुए।
अयोध्या में राम लला के विराजमान होने के साथ दिल्ली के व्यापार में उछाल आया। श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से दिल्ली की अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त बूम आया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार अकेले दिल्ली में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ। पहली बार आस्था व भक्ति के कारण बड़े पैमाने पर व्यापार देखने को मिला।
महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि हर शहर अयोध्या-हर घर अयोध्या अभियान रंग लाया। मंदिर के मॉडल, चूड़ी, बिंदी, राम ध्वज, माला, लटकन, राम पटके, राम टोपी, राम पेंटिंग, राम दरबार के चित्र, श्री राम मंदिर के चित्र की बिक्री हुई। मिठाई एवं ड्राई फ्रूट की प्रसाद के रूप में बिक्री हुई। पटाखे, मिट्टी के दीपक, पीतल एवं अन्य वस्तुओं से बने दीपक की भी खूब बिक्री हुई।
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