NDA के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद बृहस्पतिवार को अपने पक्ष में हरियाणा और पंजाब के विधायकों और सांसदों का वोट हासिल करने के इरादे से चंडीगढ़ पहुंचेंगे. वहां कोविंद ने तमाम पार्टियों के विधायकों और सांसदों को मुलाकात करने का न्यौता भेजा है. अगर पंजाब और हरियाणा की बात की जाए, तो राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अब तक कांग्रेस और बीजेपी को छोड़कर अन्य पार्टियों ने अपनी स्थिति साफ नहीं की है. पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस के पास 77 विधायक हैं, जिनकी वोट वैल्यू 8932 बनती है, जबकि 18 विधायकों वाली अकाली-बीजेपी की वोट वैल्यू 2028 है.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी के 20 विधायकों की वोट वैल्यू 2552 है. इस तरह पूरे पंजाब के 117 विधायकों की वोट वैल्यू 13572 है. इस हिसाब से यूपीए की प्रत्याशी मीरा कुमार को पंजाब से सर्वाधिक 8932 वोट पड़ेंगे, जबकि NDA के उम्मीदवार को करीब 2018 वोट पड़ना तय है. हालांकि अभी आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि पंजाब में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी किस उम्मीदवार के साथ जाएंगे.
अब तक दोनों ही पार्टियों ने भाजपा और कांग्रेस का विरोध किया है. वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता कंवर संधू का कहना है कि उनकी पार्टी को राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारना चाहिए था. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के पंजाब के विधायक किस उम्मीदवार के पक्ष में वोट करेंगे, यह अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली में बैठी आलाकमान ही तय करेगी. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हरियाणा के विधायकों और सांसदों की भूमिका भी काफी अहम होगी.
हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने उम्मीदवारों को वोट करेंगे, लेकिन हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल को अपने उम्मीदवार के पक्ष में लाने के लिए लॉबिंग दोनों ही पार्टियों की तरफ से तेज हो गई है. अगर हरियाणा के आंकड़ों पर नजर डालें, तो हरियाणा में 90 विधायक हैं. इसके वोट की वैल्यू 10,080 है. इसके अलावा 10 लोकसभा और पांच राज्यसभा के सदस्य हैं, जिनकी वोट की वैल्यू 10,620 है. इस तरह हरियाणा की कुल वोट वैल्यू 20,700 है. फिलहाल इंडियन नेशनल लोकदल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. उनके पास 18 विधायक, एक सांसद और दो राज्यसभा सदस्य हैं, जिनके वोट की कुल वैल्यू 4,140 है.
जिस तरह के रिश्ते इंडियन नेशनल लोकदल के कांग्रेस और हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ रहे हैं. उसको देखकर उम्मीद कम ही है कि इंडियन नेशनल लोकदल यूपीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार के पक्ष में वोट करेगी. इंडियन नेशनल लोकदल ने साफ कर दिया है कि उनके विधायक और सांसद किसके पक्ष में वोट करेंगे, ये उनकी पार्टी के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ही तय करेंगे और जो भी नाम ओम प्रकाश चौटाला की ओर से डिक्लेयर किया जाएगा, उसी के पक्ष में विधायक और सांसद अपना वोट डाल देंगे.
उधर, कांग्रेस ने पंजाब हरियाणा की तमाम राजनीतिक पार्टियों के विधायकों और सांसदों से अपील की है कि यूपीए की कैंडिडेट मीरा कुमार एक काबिल राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं और उनके पक्ष में राजनीति को पीछे छोड़कर सब लोगों को वोट करना चाहिए. हरियाणा और पंजाब के विधायकों और सांसदों के वोट इस राष्ट्रपति चुनाव में काफी अहम रहने वाले हैं और इस बात की जानकारी यूपीए एवं एनडीए दोनों के ही उम्मीदवारों को है. इसी वजह से NDA के उम्मीदवार अपने प्रचार के दौरान पूरा एक दिन चंडीगढ़ में बिताकर अपने पक्ष में विरोधी पार्टियों से भी वोट मांग रहे हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यूपीए की कैंडिडेट मीरा कुमार भी चंडीगढ़ आकर अपने पक्ष में प्रचार कर सकती हैं.