जेटली ने कहा, ‘हमने संयुक्त व्यवसायों और भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच प्रौद्योगिकी साझेदारी के लिए प्रक्रियात्मक परिवर्तन की एक श्रृंखला की शुरुआत की है. साथ ही और संयुक्त उद्यम की सुविधा के लिए नीति के लिए भी शुरुआत की है.’
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उन्होंने 5वीं अंतर्राष्ट्रीय फोरम के प्रौद्योगिकी विकास ‘टेक्नोप्राम’ में अपनी सरकार के प्रमुख कार्यक्रम के बारे में कहा. उन्होंने कहा, कि रूसी कंपनियों को पहले से ही भारत में काम करने और भारत के साथ काम करने का लंबा अनुभव है, जो इस प्रक्रिया में एक अग्रणी भूमिका निभाती हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि रूसी कंपनियों को भारतीय कंपनियों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रस्तावों के साथ आगे आने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने अधिक उन्नत कंपोनेंट और सब-सिस्टम्स के निर्माण के संयंत्र स्थापित करने के लिए भी किया.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए औद्योगिक लाइसेंसिंग काफी उदार है. उत्पादन उपकरणों और परीक्षण उपकरणों के निर्माण के लिए सरकार से किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है.
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