रेपो रेट में कटौती के बावजूद धीमी पड़ी बैंकिंग ग्रोथ, कर्ज और जमा दोनों में सुस्ती

भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में कटौती से ऋण उठाव और जमा वृद्धि की रफ्तार धीमी हो गई है। ऋण उठाव का मतलब है बैंकों द्वारा लोगों, कंपनियों या सरकार को दिए गए कुल ऋण की मात्रा में वृद्धि। केयरएज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

जमा वृद्धि है ऋण उठाव से अधिक
केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2025 से अब तक रेपो रेट में 100 आधार अंकों की कटौती की है। रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा पखवाड़े में ब्याज दरें घटाने के बावजूद जमा वृद्धि कर्ज वितरण से अधिक बनी हुई है। इसमें कहा गया कि जमाराशि में 0.44 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह 13 जून, 2025 तक 230.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। पिछले साल इसी अवधि में (विलय प्रभाव को छोड़कर) जमा वृद्धि दर 12.1 प्रतिशत थी। यह गिरावट मुख्य रूप से बैंकों की अपनी वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए जमा प्रमाणपत्रों पर निर्भरता बढ़ाने और जमा वृद्धि में मंदी के कारण हुई क्योंकि थोक जमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।

ऋण उठाव में 9.6 प्रतिशत की हुई वार्षिक वृद्धि
इसके अलावा, ऋण उठाव में 9.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई और 183.1 लाख करोड़ तक पहुंच गया। हालांकि, यह पिछले वर्ष की 15.5 प्रतिशत की दर की तुलना में काफी कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह मंदी उच्च आधार प्रभाव और खुदरा समेत विभिन्न क्षेत्रों में कमजोर मांग के चलते देखी गई है।

डब्लूएसीएआर में आई गिरावट
केयरएज ने बताया कि शॉर्ट-टर्म वेटेड एवरेज कॉल रेट (WACR) 20 जून, 2025 घटकर 5.27 प्रतिशत हो गई। यह एक साल पहले 21 जून, 2024 को 6.68 प्रतिशत थी। यह गिरावट लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती और तरलता प्रवाह बढ़ाने की वजह से दर्ज की गई है। WACR बैंकों के बीच बहुत कम समय के लिए बिना किसी गारंटी पर उधार दिए गए पैसों पर लगने वाली औसत ब्याज दर, जिसे वेट देकर यानी उस लेन-देन की मात्रा को ध्यान में रखते हुए निकाला जाता है।

सीडी रेशियो में मामूली बढ़ोतरी
इसके अलावा, क्रेडिट-डिपॉजिट (सीडी) रेशियो में भी मामूली बढ़ोतरी हुई है। लेकिन यह लगातार छह पखवाड़ों से 80 प्रतिशत से नीचे रहा। इस बढ़ोतरी की वजह मौजूदा पखवाड़े में ₹0.59 लाख करोड़ की क्रेडिट ग्रोथ और जमा में गिरावट रही। सीडी रेशियो एक प्रमुख बैंकिंग संकेतक है जो यह बताता है कि बैंक ने जितनी कुल जमा (Deposits) ली है, उसमें से कितनी राशि उधार के रूप में दी है।

सरकार निवेश में हुई 7.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि
रिपोर्ट में बताया गया कि कुल सरकारी निवेश 66.9 लाख करोड़ रुपये है, जो वर्ष दर वर्ष 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, लेकिन यह पिछली अवधि की तुलना में 0.2 प्रतिशत कम है। 13 जून, 2025 को समाप्त पखवाड़े में क्रेडिट-टू-टोटल एसेट रेशियो में मामूली गिरावट देखी गई। यह घटकर 69.4 प्रतिशत हो गया, जबकि गवर्नमेंट इनवेस्टमेंट-टू-टोटल एसेट रेशियो भी घटकर 25.3 प्रतिशत पर आ गया।

क्रेडिट-टू-टोटल एसेट रेशियो एक वित्तीय अनुपात है जो यह दर्शाता है कि किसी बैंक या वित्तीय संस्थान की कुल संपत्तियों में से कितनी राशि ऋण के रूप में दी गई है। वहीं गवर्नमेंट इनवेस्टमेंट-टू-टोटल एसेट रेशियो यह दर्शाता है कि सरकार के कुल संपत्ति का कितना हिस्सा विभिन्न निवेशों में लगाया गया है।

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