रेल मंत्रालय अगले तीन सालों में रेलवे को पूरी तरह से डिजिटल करने के लिए कमर कस चुका है. इस कवायद में रेलवे को 10 से 12 हजार करोड़ रुपए का खर्चा करने होंगे लेकिन इससे रेलवे को तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपये की भारी बचत भी होगी.

आईआर-वन आईसीटीसी (वन इंफॉर्मेशन एंड कम्युानिकेशन टैक्नोलॉजी) बिल्डिंग डिजिटल रेलवे थीम पर आयोजित एक सेमिनार में बोलते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ये बातें कहीं.
इस विषय पर बोलते हुए सुरेश प्रभु ने कहा, ‘यह बेहद दिलचस्पर कार्यक्रम है. पिछले कई वर्षों से आईटी क्षेत्र में भारी वृद्धि देखी गई है. इस क्षेत्र में बहुत अधिक अवसर हैं. यह उद्योग व्याकपार के लिए अगले दरवाजे की तलाश नहीं करता है. आईटी उद्योग ने बहुत अच्छाु प्रदर्शन किया है और भारत में इसके लिए बहुत संभावनाएं मौजूद हैं.
रेल मंत्री ने इस मौके फायदा उठाते हुए भारतीय रेलवे की उपलब्धियां भी गिनवाईं. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे व्या पक अवसर प्रदान करता है. भारतीय रेल का मतलब केवल संचालन से ही नहीं है भारतीय रेलवे में चिकित्साा, शिक्षा, समाज, पर्यावरण जैसे विभिन्नह क्षेत्रों की अन्य बहुत सी गतिविधियां शामिल हैं.
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