”अगले 5 साल में बैंकिंग के क्षेत्र में नौकरी में करीब 30 फीसदी तक की कमी आ सकती है”. एक इंटरव्यू में सिटीबैंक के पूर्व सीईओ विक्रम पंडित ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बैंकों में रोबोट और ऑटोमेटिक मशीनरी का इस्तेमाल हो रहा है, उस हिसाब से नौकरी की संख्या में कमी आ सकती है.
#बड़ी खबर: अब आधार को ड्राइविंग लाइसेंस से करना होगा लिंक, वरना…….
यह पहली बार नहीं है कि जब बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियों की कमी को लेकर किसी ने इस तरह की बात की हो. इससे पहले BCG ग्रुप के सौरभ त्रिपाठी ने कहा था कि बैंकों में छोटे लेवल जैसे डाटा एंट्री पद तक की नौकरियां मशीनरी और नई टेक्नोलॉजी के आने से खत्म हो सकती हैं.
बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि वो सब कुछ जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और नैचुरल लैंग्वेज में होता है उन सभी प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है.
देश के सभी 1.55 लाख डाकघर देंगे भुगतान बैंक की सुविधा
क्या हो सकता है कारण?
आपको बता दें कि बैंकिंग सेक्टर में लगातार इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी के जरिए काम को आसान बनाया जाने की कोशिश है है. बैंकों में डाटा एंट्री, रकम जमा करना, रकम निकालना, फॉर्म भरना आदि काम ऑनलाइन या मशीनरी द्वारा ही हो जाता है, जिसका असर बैंक कर्मचारियों की संख्या पर पड़ सकता है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features