1971 में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में ‘परम वीर दीर्घा’ का उद्घाटन किया।
इस गैलरी में सभी 21 परम वीर चक्र विजेताओं के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। परम वीर चक्र भारत का सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है, जो युद्ध के दौरान वीरता, साहस और आत्म-बलिदान के असाधारण कार्यों के लिए दिया जाता है।
राष्ट्रपति भवन की जिस गैलरी में ‘परम वीर दीर्घा’ बनाई गई है, वहां पहले ब्रिटिश एडीसी के चित्र प्रदर्शित थे। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय नायकों के चित्र प्रदर्शित करने की यह पहल औपनिवेशिक सोच छोड़ने और भारत की संस्कृति, विरासत व परंपराओं की समृद्धता को गर्व के साथ अपनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है।
विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने एक्स पर एक पोस्ट में उन सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत दिलाने में मदद की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह दिवस साहसी सैनिकों की बहादुरी को सलाम करता है और उनके बेमिसाल जज्बे की याद दिलाता है। उनकी बहादुरी भारतीयों की कई पीढि़यों को प्रेरित करती रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी देश के साहसी बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि 1971 की जीत और हमारी सेना की कामयाबी हमेशा प्रेरणा बनी रहेगी। सेना ने विजय दिवस के मौके पर 1971 के युद्ध की गाथा साझा की और इस लड़ाई को एक ऐसी जीत बताया जिसने भारत के सैन्य इतिहास को नया रूप दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी 1971 की लड़ाई में अदम्य साहस प्रदर्शित करने वाले वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
ढाका में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि भारत और बांग्लादेश ने हर वर्ष होने वाले विजय दिवस समारोहों में हिस्सा लेने के लिए एक-दूसरे के युद्ध के नायकों और सेवारत अधिकारियों को आमंत्रित किया।
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