केंद्र सरकार ने ईंधन उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों से लोगों पर पड़ रहे असर को देखते हुए शनिवार को पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बड़ी कटौती करने का एलान किया। वित्त मंत्री ने पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमशः आठ रुपये एवं छह रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की। साथ ही उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए भी सब्सिडी का एलान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से किए गए एलान की सराहना की।

सरकार की प्राथमिकता में है आम लोग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- उज्ज्वला योजना ने करोड़ों भारतीयों, खासकर महिलाओं की मदद की है। उज्ज्वला योजना के लिए सब्सिडी देने के फैसले से लाभार्थियों के बजट में काफी आसानी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार के लिए आम जनता प्राथमिकता में है। उत्पाद शुल्क में कटौती के आज के फैसले से विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक असर होगा। साथ ही हमारे नागरिकों को राहत मिलेगी।
वित्त मंत्री ने किया एलान
मालूम हो कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमशः आठ रुपये एवं छह रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने घरों में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलिंडर पर भी 200 रुपये प्रति सिलिंडर की सब्सिडी देने की घोषणा की। यह सब्सिडी उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एक साल में 12 गैस सिलिंडरों पर दी जाएगी।
आम जनता को बड़ी राहत दी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ट्वीट कर कहा, ‘इस चुनौतीपूर्ण वैश्विक स्थिति में भी पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाकर और गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देकर आम जनता को बड़ी राहत दी है। अन्य क्षेत्रों के लिए भी ऐसे कदम उठाए गए हैं जिससे उत्पादों के दाम में कमी आएगी।’ उधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयान जारी कर उत्पाद शुल्क में कटौती को ऐतिहासिक निर्णय बताया है।
विपक्षी दल उठा रहे थे सवाल
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती रही हैं। इसके अलावा रसोई गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। तेल की कीमतें बढ़ने की वजह से लोगों के बजट पर बुरा असर पड़ रहा था। इसको लेकर तमाम विपक्षी दल तेल की कीमतों में कटौती की मांग कर रहे थे। कांग्रेस लगातार इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर हमला कर रही थी।
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