बिन अक्षर सब सून। आज विश्व साक्षरता दिवस है। शिक्षा के महत्व को समझने और आत्मसात करने का दिन। छत्तीसगढ़ के भरूवाडीह कला गांव स्थित सरकारी स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी इस मामले में हम सभी से आगे हैं। यहां बिन अवकाश, साल के 365 दिन पढ़ाई होती है। राजधानी रायपुर के तिल्दा विकासखंड स्थित इस गांव का शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय रविवार को भी खुलता है। दिवाली हो या होली, रक्षाबंधन हो या ईद, बैसाखी हो या क्रिसमस, स्कूल की घंटी हर दिन बजती है।
साल के 365 दिन ज्ञान की गंगा अबाध बहती है, बहती रहती है। यह सब हो पाया यहां के ग्रामीणों की शिक्षा के प्रति गहरी समझ के कारण। तीन बरस हो गए, इस सरकारी पाठशाला में किसी भी दिन छुट्टी नहीं हुई। रविवार, होली, दिवाली को जब देशभर के अन्य स्कूल, कॉलेजों और कार्यालयों में सन्नाटा रहता है, इस पाठशाला में बच्चों की आवाज गूंजती है। एक हजार की आबादी वाले इस गांव की पाठशाला में 54 बच्चे पढ़ते हैं।
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