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वैक्सीन सप्लाई रेस में भारत से हारने के बाद नरम पड़े चीन के तेवर, लेकिन नहीं छोड़ी झूठी शान

चीन कोरोना वैक्सीन सप्लाई की रेस में भारत से हारता नजर आ रहा है। शुक्रवार को श्रीलंका में चीनी वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाकर वहां भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल को हरी झंडी दिखाई गई। अब वहां 1.4 करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए भारत में निर्मित आक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा। कोरोना वैक्सीन सप्लाई की रेस में भारत से एक बार फिर पिछड़ने के बाद चीन के सुर में नरमी आई है। चीन ने कई देशों को अधिक COVID-19 वैक्सीन की आपूर्ति करने वाले भारत का स्वागत किया है। लेकिन इसके साथ ही चीन अपनी झूठी शान छोड़ने को तैयार नहीं है। चीन ने कहा है कि वो ये मानने को बिल्कुल तैयार नहीं है कि वह कोरोना वैक्सीन सप्लाइ की रेस में भारत से हार गया है।

एक एक सवाल के जवाब में कि क्या भारत ने वैक्सीन कूटनीति के अपने खेल में चीन को पछाड़ दिया है, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि दुनिया को वैक्सीन प्रदान करने के लिए और अधिक देश आगे आएंगे विशेष रूप से विकासशील देश ऐसा करने के लिए आगे आएंगे। हालांकि इस दौरान चीन ये मानने को बिल्कुल तैयार नहीं दिखा कि वैक्सीन सप्लाइ रेस में वह भारत से हार चुका है।

कुछ दिनों पहले कोरोना वैक्‍सीन आपूर्ति(सप्लाई) में भारत के बड़े रोल के बाद चेता चीन चेत गया था। इसके बाद चीन ने दुनिया को कोरोना वैक्सीन की एक करोड़ डोज मुहैया कराने की पेशकश की थी। चीन ने ‘कोवैक्स’ के टीकों की आपूर्ति करने की पेशकश की। इसके लिए उसने अपने टीके को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आपात उपयोग मंजूरी का इंतजार किया।

भारत ने की वैक्सीन की सप्लाई, चीन रह गया पीछे

संयुक्त राष्ट्र समर्थित ‘कोवैक्स’ पहल को लेकर चीन काफी तेजी में दिख रहा है। चीन ने ‘कोवैक्स’ को एक करोड़ टीके उपलब्ध कराने का वादा किया है। लेकिन उससे पहले ही भारत ने कोवैक्स के लिए टीकों की पहली आपूर्ति(सप्लाई) सीरम इंस्टीट्यूट से की है, जो घाना के लिए थी। भारत ने बुधवार को कोवैक्स के तहत घाना को कोविड-19 के छह लाख टीकों की पहली खेप भेजी।

चीन की टीका कूटनीति पूरी तरह फेल करेगा भारत !

आगामी हफ्तों में कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिल जाने पर भारत द्वारा अपनी टीका कूटनीति में तेजी लाने की उम्मीद है। इस तरह आने वाले हफ्तों में भारत, चीन में वैक्सीन डिप्लोमेसी को लेकर काफी रोचक जंग देखने को मिल सकती है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए भारत अपने नागरिकों के साथ दुनिया के अन्‍य देशों की मदद कर रहा है। पिछले दिनों भारत ने हिंद महासागरीय देशों को लाखों की तादाद में कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराई। भारत के इस प्रशंसनीय कदम का यूएन समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने स्वागत किया है। म्यांमार, बांग्लादेश और मॉरीशस से लेकर सेशेल्स, श्रीलंका समेत कई देशों तक वैक्सीन पहुंचाई गई है। ब्राजील ने भी भारत बायोटेक के साथ दो करोड़ डोज की डील की है।  भारत में अब तक कुल 1,37,56,940 कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है और देश में तेजी से वैक्‍सीनेशन हो रहा है।

 

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