बनारस हिंदू विवि से सेवानिवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. जीएन खरे अपनी पत्नी ऊषा खरे के साथ हरपालपुर मध्यप्रदेश से हजरत निजामुद्दीन जा रहे थे। यह दंपती एसी कोच में सवार थे। इस बुजुर्ग दंपती की सीट के बगल में दिल्ली निवासी रितेश भी सफर कर रहा था। रितेश रास्ते भर शराब पीता हुआ आया। टोकाटोकी से नाराज होकर उसने वैज्ञानिक और उनकी पत्नी पर पेशाब कर दिया। इस पर आरपीएफ ने रितेश को ट्रेन से उतार लिया और रेलवे एक्ट में कार्रवाई करते हुए मुचलका भरवाकर उसे घर भेज दिया।
किसी पर पेशाब करना कितना बड़ा गुनाह है। कोई भी कहेगा…अमानवीय घृणित और जघन्य। अगर यह कृत्य एक बुजुर्ग वैज्ञानिक और उनकी पत्नी के साथ हुआ हो तो इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है। लेकिन आरपीएफ ने इसे मामूली अपराध की तरह से लिया और बुजुर्ग दंपती पर पेशाब करने वाले को लिखा-पढ़ी में रेलवे एक्ट के उल्लंघन में मुचलका भरवाकर घर भेज दिया।
मध्यप्रदेश में ऐसा ही मामला राष्ट्रीय सुर्खियां बना था। हवाई जहाजों में हुईं ऐसी घटनाओं में सख्त कार्रवाइयां हुईं पर ट्रेन में इस अपराध पर आरपीएफ ने आरोपित को घर भेजकर पल्ला झाड़ लिया। शर्मसार कर देने वाली यह घटना बुधवार की रात झांसी के पास संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में हुई थी।
दरअसल बनारस हिंदू विवि से सेवानिवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. जीएन खरे अपनी पत्नी ऊषा खरे के साथ हरपालपुर मध्यप्रदेश से हजरत निजामुद्दीन जा रहे थे। यह दंपती एसी कोच में सवार थे। इस बुजुर्ग दंपती की सीट के बगल में दिल्ली निवासी रितेश भी सफर कर रहा था। रितेश रास्ते भर शराब पीता हुआ आया।
हालांकि वैज्ञानिक जीएन खरे ने उसे कई बार टोका लेकिन वह नहीं माना। टोकाटोकी से नाराज होकर उसने वैज्ञानिक और उनकी पत्नी पर पेशाब कर दिया। हल्ला मचने पर कंट्रोल रूम को सूचित किया गया। जब ट्रेन झांसी रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो आरपीएफ ने रितेश को ट्रेन से उतार लिया और रेलवे एक्ट में कार्रवाई करते हुए मुचलका भरवाकर उसे घर भेज दिया।
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