पाकिस्तान में अपने मित्र इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को गले लगाकर मिलना शहीदों के परिजनों को नहीं भा रहा। शहीदों के परिजनों का कहना है कि सिद्धू ने पाकिस्तानी जनरल को जफ्फी किस खुशी में डाली, जब वो हमारे जवानों के खून से अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
यहां प्रेस क्लब में पंजाब व हरियाणा से पहुंचे शहीदों के परिजनों ने कहा, सिद्धू ने पाकिस्तान में जाकर उस आर्मी चीफ को गले लगाया, जिसके जवानों की गोलियों से हमारे बच्चों के सीने छलनी हुए हैं। सिद्धू जब शहीदों को परिजनों से मिलने आते हैं तो कुछ और भाषा बोलते हैं और जब पाकिस्तान सेना के चीफ से मिलते हैं तो उनके गले मिलते हैं।
शहीदों के परिजनों ने पूछा कि हमारे जवान जब अपनी छाती पर गोली खाते हैं और जब तिरंगे में लिपटा हुआ पार्थिव शरीर आता है तो क्या सिद्धू को वो मंजर याद नहीं आया। परिजनों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी इस मामले पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू द्वारा पाक सेना चीफ को गले लगाना गलत तो बता रहे हैं, लेकिन उन्होंने सिद्धू पर इस मामले में क्या कार्रवाई की। यह भी उन्हें बताना चाहिए।
पाक सेना चीफ को गले लगाने के मामले में गत दिवस पाक से लौटे सिद्धू ने सफाई दी थी, लेकिन शहीदों के परिजनों को यह सफाई गले नहीं उतर रही। उन्होंने कहा कि सिद्धू क्या भूल गए थे कि यह वही पाक सेना प्रमुख है जिसके जवान आये दिन भारतीय सैनिकों का सर कलम कर देते हैं। बता दें, सिद्धू ने कहा था कि जब पाक सेना प्रमुख ने उन्हें करतारपुर का कॉरिडोर खोलने के आश्वासन के साथ जफ्फी डाली थी। बाजवा का यह कहना कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें गुरुपर्व पर करतारपुर कॉरिडोर खोला जाएगा, अच्छा संकेत है। कॉरिडोर खोलने के लिए 40 वर्षो से प्रयास हो रहे हैं।
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