पिछले कुछ दशकों में चीनी नेता अपने एक या एक से ज़्यादा उत्तराधिकारी को चुनते आए हैं. लेकिन शी जिनपिंग ने अपनी पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए उत्तराधिकारी घोषित किए बिना ही अपनी नई वरिष्ठ नेतृत्व समिति की घोषणा कर दी है. इससे अगले पांच सालों के लिए चीन में शी जिनपिंग की पकड़ और मज़बूत हो गई है.
अभी-अभी: अनिल अंबानी को लगा बड़ा झटका, अगले ही महीने से बंद होने जा रहा है RCom का वायरलेस बिजनेस
कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस (सीपीसी) ने मंगलवार को शी जिनपिंग के पांच साल के दूसरे कार्यकाल को मंज़ूरी दी थी और उनकी विचारधारा को संविधान में जगह दी थी. इसे ‘शी जिनपिंग थॉट’ नाम दिया गया है. शी जिनपिंग की विचारधारा को सर्वसम्मति से संविधान में शामिल किए जाने से चीन में उनकी स्थिति और मजबूत हुई है. इससे जिनपिंग को चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता और संस्थापक माओत्से तुंग के बराबर दर्जा दिया गया है. अब किसी के लिए उन्हें चुनौती देना आसान नहीं होगा.
साल 2012 के बाद शी जिनपिंग अब फिर से अगले पांच साल तक चीन के राष्ट्रपति बने रहेंगे. चीनी नेता सिर्फ 10 साल तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं, लेकिन जिनपिंग पार्टी चीफ़ और सेना अध्यक्ष के तौर पर बने रह सकते हैं.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features