यूपी के उन्नाव जिले के बांगरमऊ शांति निकेतन अतिथि गृह में आयोजित रामकथा और सत्संग समारोह में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने कहा कि परमपिता परमात्मा पर शंका का भाव रखने वाला मानव नर्क का अधिकारी है। ऐसे मानव का उसके सगे संबंधी भी परित्याग कर देते हैं।विश्व हिंदू जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा श्रीराम मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान श्रीराम का जन्मस्थल विश्व के कई करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। भगवान श्रीराम पर शंका करने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था को चोट पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती ने वन में विचरण कर रहे भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने का विवेकहीन निर्णय लिया। अंतत: उन्हें परित्यक्ता का जीवन जीना पड़ा। बाद में वह यज्ञ कुंड में समाधिस्थ हुईं।