मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि अगले साल जनवरी में आयोजित होने वाले महाकुंभ के दौरान यहां मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने 13 अखाड़ों, खाक चौक, दंडी बाड़ा और आचार्य बाड़ा के प्रतिनिधियों के साथ महाकुंभ को लेकर एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की।
प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि साधु-संतों, संन्यासियों व वैरागियों सहित समस्त सनातन समाज की भावनाओं का सम्मान रखते हुए प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन साधु-संत समाज का भी सहयोग अपेक्षित है। आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में शीघ्र ही भूमि आरक्षित कर दी जाएगी।
बैठक में संत समाज की ओर से गो-हत्या पर प्रतिबंध की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोहत्या अपराध है। गोहत्या के विरुद्ध उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही, राज्य सरकार सात हजार से अधिक गोवंश आश्रय स्थल का संचालन कर रही है, जहां 14 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। महाकुंभ में सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी संतों-संन्यासियों व आचार्यों से अनुरोध किया कि अपने आश्रम में तब तक किसी को प्रवास की अनुमति न दें जब तक कि उनका विधिवत सत्यापन न कर लिया जाए।
इससे पहले, परेड स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद मुख्यमंत्री सबसे पहले मोटर बोट से संगम नोज पहुंचे, जहां उन्होंने गंगा यमुना का दर्शन-पूजन किया। इसके बाद आदित्यनाथ ने पवित्र अक्षयवट, पातालपुरी, सरस्वती कूप और लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन किया और कुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रार्थना की। दोपहर बाद मुख्यमंत्री भारद्वाज कोरिडोर के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने आईईआरटी सेतु का निरीक्षण करते निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने वेणीमाधव मंदिर का भी दर्शन-पूजन किया।
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