लोकसभा में सहयोगी दलों के सदस्यों द्वारा हंगामा करने से सरकार की छवि धूमिल होने के साथ ही संभावित विद्रोह से घबराई भाजपा ने इसे हल्के में न लेकर अब अपने सहयोगी दलों की शिकायतों को दूर करने की कोशिशें तेज कर दी है.
उल्लेखनीय है कि लोक सभा में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के तेवर को देखते हुए भाजपा ने तुरंत उनकी मांग पूरी करने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टी.डी.पी. के नेताओं से मुलाक़ात कर राज्य के लिए विशेष पैकेज का एक हिस्सा तुरंत देने का वादा किया है. यही नहीं आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के निर्माण में सहयोग के अलावा वहां संवैधानिक संस्थाओं के निर्माण में भी मदद देने का विश्वास दिलाया है.इसके लिए पार्टी के महासचिव राम माधव और दक्षिण भारत के दूसरे नेता जी.वी.एल. नरसिंह राव को सक्रिय किया गया.
जबकि दूसरी ओर केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने वार्षिक भोज का आयोजन किया जहाँ अरुण जेटली लगातार मौजूद रहे. खबर है कि जेटली ने अकाली नेताओं की नाराजगी दूर कर दी है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने एक बयान में भाजपा और अकाली दल के गठबंधन को चट्टान की तरह मजबूत बताया. वहीं बीजेपी ने शिव सेना की नाराजगी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है, क्योंकि शिवसेना की नाराजगी राजनीतिक है, वास्तविक नहीं.
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