जर्मन कंपनी बायोनटेक और अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर के कोरोना वायरस वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) के डेटा को यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के सर्वर पर साइबर हमले के दौरान ‘गैरकानूनी रूप से एक्सेस’ किया गया है। कंपनियों खुद इसकी जानकारी दी है। एम्स्टर्डम की एजेंसी ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए यूरोपीय संघ के मेडिसिन रेगुलेटर के पास अपील डाली है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि उसकी वैक्सीन पर साइबर हमला हुआ है। 
इएमए ने हमले की जानकारी देने से इन्कार कर दिया और मामले की जांच जारी है। दोनों कंपनियों ने बाद में एक बयान जारी किया इसमें कहा गया कि इएमए सर्वर पर स्टोर फाइजर और बायोनटेक की कोरोना वैक्सीन, बीएनटी162बी2 से संबंधित कुछ दस्तावेज गैरकानूनी रूप से एक्सेस किया गया। उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में बायोनटेक या फाइजर से जुड़े किसी भी सिस्टम में सेंध नहीं लगाई गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि डेटा के एक्सेस होने के परिणामस्वरूप हमारे स्टडी में शामिल लोगों की पहचान की गई है।
कंपनियों ने कहा कि इस समय हम इएमए की जांच को लेकर और जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। उचित रूप से और यूरोपीय संघ के कानून के अनुसार इस पर प्रतिक्रिया देंगे। इएमए ने हमें आश्वासन दिया है कि साइबर हमले की समीक्षा के लिए समयसीमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। फाइजर और बायोनटेक द्वारा बनाया गया टीके को पिछले हफ्ते ब्रिटेन में और बुधवार को कनाडा में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति मिली। यूएस एफडीए से गुरुवार को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने पर विचार करने की उम्मीद है। कोरोना वायरस वैक्सीन के डेटा पर पहली बार साइबर अटैक नहीं हुआ है। पिछले महीने, माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि उसने रूसी और उत्तर कोरियाई हैकर्स द्वारा प्रमुख दवा कंपनियों और वैक्सीन शोधकर्ताओं से मूल्यवान डेटा चोरी करने के प्रयासों का पता लगाया है।
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