लंबे समय से रखा गया खून आघात के शिकार और ऐसे घायल व्यक्ति के लिए नुकसानदायक हो सकता है, जिसके शरीर से भारी मात्रा में खून बह चुका हो. वैज्ञानिकों के एक समूह ने इसकी जानकारी दी, जिसमें एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी हैं.
गंभीर रूप से घायल मरीज, जिनके शरीर से भारी मात्रा में खून बह चुका है, उनके लिए लंबे समय से रखे हुए पुराने खून का इस्तेमाल रक्त संचार में शिथिलता लाने के साथ ही गंभीर रूप से प्रभावित अंगों में सूजन बढ़ाने के साथ फेफड़ों के संक्रमण को भी बढ़ा सकता है.
शोधकर्ताओं ने मरीजों के शरीर में पुराने संग्रहित लाल रक्त की कोशिकाओं के संचरण और बाद के बैक्टीरियल निमोनिया के बीच संबंध पाया है.
अध्ययन के मुताबिक, ताजा खून की तुलना में, संग्रहित खून को इस्तेमाल में लाने से बैक्टीरिया की वजह से होने वाले फेफड़ों के संक्रमण में काफी वृद्धि देखी गई है और फेफड़ों में अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ जमा होने के साथ ही उसमें जीवाणुओं की संख्या भी काफी बढ़ जाती है. यह अध्ययन एक स्वास्थ्य पत्रिका पीएलओएस मेडिसिन में प्रकाशित हुआ.
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