मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे केवल सड़कों का नेटवर्क नहीं हैं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक प्रगति की रीढ़ हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भूमि आवंटन के बाद निर्धारित समय सीमा में निवेश न होने पर ऐसे आवंटन स्वतः रद्द (कैंसिल) कर दिए जाएं।
मुख्यमंत्री बुधवार को उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूमि आवंटन नीति का उद्देश्य केवल भूमि देना नहीं, बल्कि उद्योगों की वास्तविक स्थापना सुनिश्चित करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर परियोजना में भूमि उपयोग की पारदर्शी मॉनिटरिंग व्यवस्था बनाई जाए ताकि किसी भी प्रकार की जमीन होल्डिंग या अघोषित देरी न हो। उन्होंने कहा कि निवेशकों को सुविधाएँ और रियायतें केवल तभी दी जानी चाहिए, जब वास्तविक प्रगति मैदान पर दिखे।
योगी ने कहा कि एक्सप्रेसवे परियोजनाओं से जुड़ी औद्योगिक नीतियाँ रोजगार सृजन और निवेश आकर्षित करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसलिए प्रत्येक निवेशक को जवाबदेही के दायरे में लाना समय की मांग है।
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