सीएम योगी बोले- सनातन परंपरा में सिख गुरुओं का योगदान अविस्मरणीय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जहां भी गुरु महाराज के पावन चरण पड़ते हैं, वह स्थान राम राज्य के समान पवित्र हो जाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन परंपरा में सिख गुरुओं का योगदान अविस्मरणीय एवं सराहनीय है। वह गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि , “… गुरबाणी में लिखा है कि जहां भी गुरु महाराज के पावन चरण पड़ते हैं, वह स्थान राम राज्य के समान पवित्र हो जाता है। यह हमारा सौभाग्य है कि गुरु चरण यात्रा के दौरान हमें गुरु महाराज और गुरु साहिबान के पावन चरणों के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस अवसर पर मैं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने हमें गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान किया। गुरु चरण यात्रा के माध्यम से इस पावन अवसर से जुड़ने का सौभाग्य भी हमें प्राप्त हुआ है। भारत की सनातन परंपरा में सिख गुरुओं का योगदान अविस्मरणीय एवं सराहनीय है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को केवल आस्था नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, सेवा और बलिदान का आदर्श भी दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को अक्षुण्ण रखें और आने वाली पीढ़ियों तक इसकी प्रेरणा पहुंचाएं। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे।

यहियागंज गुरुद्वारा हमारी साझा आस्था और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग ढाई सौ वर्षों से गुरु महाराज के पावन चरण पादुकाएं, जो पहले अखंड भारत के हिस्से पाकिस्तान में थीं, अब पटना साहिब में स्थापित की जा रही हैं। दिल्ली से शुरू हुई यह यात्रा पूरे देश में गुरु परंपरा के प्रति सम्मान और गौरव का भाव जगाती जा रही है। उन्होंने कहा कि लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा इसलिए भी विशेष है क्योंकि गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की स्मृतियां इस स्थान से जुड़ी हैं। यह गुरुद्वारा हमारी साझा आस्था और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

यह यात्रा केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए मार्गदर्शन है
मुख्यमंत्री योगी ने सिख समुदाय के प्रति आदर व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को केवल आस्था नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, सेवा और बलिदान का आदर्श भी दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को अक्षुण्ण रखें और आने वाली पीढ़ियों तक इसकी प्रेरणा पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज की यह यात्रा केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए मार्गदर्शन है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस “गुरु चरण यात्रा” को राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक जागरण के संदेश के रूप में आगे बढ़ाएं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, यूपी कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परबिंदर सिंह के अलावा गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी व कई जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

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