अस्पतालों में कर्मचारयों की लापरवाही देखने को मिल रही है। लापरवाही भी ऐसी है जो नवजातों की जान लिए ले रही है। सुलतानपुर के एक अस्पताल में जनरेटर होने के बावजूद मोमबत्ती की रोशनी में प्रसव कराया गया। इलाज के अभाव में जब जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिवारजन उन्हें ले जाने की तैयारी में ही थे कि नवजात ने दम तोड़ दिया। इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर पर की गई है।
अभियाकला निवासी अजय कुमार मौर्य की पत्नी सीतांजलि को प्रसव के लिए रात साढ़े नौ बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। आधी रात स्थिति बिगड़ने पर स्टाफ नर्स ललिता ने मोमबत्ती जलाकर महिला का प्रसव करा दिया। उस समय बिजली नहीं आ रही थी, लेकिन जनरेटर नहीं चलाया गया।
जन्म के दस मिनट बाद अचानक नवजात की तबीयत बिगड़ने लगी तो ड्यूटी पर तैनात नेत्र चिकित्सक विनय कुमार वर्मा ने जच्चा-बच्चा का परीक्षण कर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। परिवारजन जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी में लगे थे, तभी बच्ची की मौत हो गई।
साल भर में दूसरी बच्ची की मौत : साल भर पहले भी सीतांजलि ने एक बच्ची काे जन्म दिया था। लेकिन दूसरे ही दिन उसकी मौत हो गई थी। अब जब शुक्रवार को फिर उसने बेटी को जन्म दिया तो अस्पताल की लापरवाही के चलते वह भी कुछ घंटों तक भी जीवित नहीं रह सकी।
यदाकदा ही चलता है जनरेटर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जनरेटर है, जो मंत्री के दौरे या विशेष आयोजन पर ही चलाया जाता है। बिजली कटौती होने पर अजय सिंह के कहने के बाद भी जनरेटर नहीं चलाया गया।
नवजात की मौत की जानकारी हमको नहीं है। मामले की जांच करवाकर जो दोषी होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features