सेना में नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने वाले गिरोह के सात सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें गिरोह के सरगना सहित एक बर्खास्त सैन्यकर्मी संतोष कुमार भी शामिल है, जो सूबेदार बनकर युवाओं को झांसे में लेता था। मिलिट्री इंटेलीजेंस की ओर से तीन दिन पूर्व इनपुट पुलिस को दिया गया था। इसका मुकदमा भी कैंट थाना में दर्ज हुआ था। गुरुवार को एसएसपी शैलेश पांडेय ने पत्रकार वार्ता में वारदात का राजफाश किया। अभियुक्तों की गिरफ्तारी में मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट और एसओजी टीम की विशेष भूमिका रही।
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए लोगों में शामिल संतोष कुमार सेना में क्लर्क था, जो बर्खास्त कर दिया गया था। गिरोह का सरगना विनोद मौर्य और ओम प्रकाश प्रजापति हैं। इन लोगों ने कैंट थाना क्षेत्र के अंगूरीबाग निवासी एक युवक को सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की थी। यह गिरोह अर्धसैनिक बल और नगर निगम में भी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर चुका है। ओमप्रकाश प्रजापति विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में साल्वर भी उपलब्ध कराता था। मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर एसओजी टीम और कैंट पुलिस ने मिलकर गुप्तारघाट के पास से गिरोह में शामिल सात अभियुक्तों की गिरफ्तारी की। इनके पास से एक कार, फर्जी नियुक्ति व चरित्र प्रमाण पत्र, फिजिकल टेस्ट से संबंधित कूटरचित दस्तावेज आदि बरामद हुए हैं। यह गिरोह राजस्थान में भी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का अपराध कर चुका है। राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज है। इनके खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्त
संतोष कुमार-चंद्रपुरी कॉलोनी थाना हाईवे जिला मथुरा
ओमप्रकाश प्रजापति-ग्राम अलीगढ़, थाना अलीगढ़ राजस्थान
राकेश कुमार-ङ्क्षचता की जगलियां थाना गोंडा, जिला अलीगढ़
अभिषेक शर्मा-अलीपुर थाना डकराक, जिला अलीगढ़
अजीत प्रसाद -विकास कॉलोनी, थाना लक्ष्मणगढ़, जिला अलवर, राजस्थान
अनिल कुमार-सराय बहरान थाना सोरवा, जिला प्रयागराज
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