सेशेल्स की संसद ने अपने एजंप्शन द्वीप पर भारतीय नौसेना को अड्डा बनाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। संसद ने सरकार के साथ हुए समझौते पर मुहर लगाने से इन्कार कर दिया। यह जानकारी सेशेल्स के विदेश मंत्रालय ने दी है। वैसे विपक्ष के विरोध के चलते वहां की सरकार भारत के साथ हुए समझौते से पहले ही पीछे हट चुकी है। सेशेल्स में यह कवायद वहां के राष्ट्रपति डेनी फाउर की भारत दौरे की शुरुआत वाले दिन ही हुई। फाउर रविवार को छह दिन के दौरे पर अहमदाबाद पहुंच चुके हैं।
– विपक्ष के विरोध के चलते सरकार भी हटी थी पीछे
दोनों देशों के बीच 2015 में हिंद महासागर में महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान पर स्थित द्वीप पर नौसैनिक अड्डा बनाने का समझौता हुआ था। लेकिन पहले विपक्ष ने और इसके बाद सेशेल्स की जनता ने समझौते का विरोध करना शुरू कर दिया। विपक्ष का आरोप था कि सरकार ने देश की संप्रभुता के साथ समझौता किया।
जिस स्थान पर नौसैनिक अड्डा बनाने का समझौता हुआ है वह व्यस्त समुद्री व्यापारिक मार्ग के करीब है। इससे वहां की गतिविधियां और मालवाही जहाजों का स्वतंत्र आवागमन बाधित हो सकता है। सेशेल्स के विदेश मंत्री बैरी फाउर ने बताया है कि सरकार ने समझौते की स्वीकृति के लिए औपचारिक प्रस्ताव संसद में पेश नहीं किया, क्योंकि संसद में विपक्षी दलों का बहुमत है। सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल सकती थी।
शुक्रवार को छह दिवसीय भारत दौरे पर आए सेशेल्स के राष्ट्रपति डेनी फाउर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आपसी रिश्ते बढ़ाने पर विस्तृत वार्ता करेंगे। इस दौरान रक्षा और सुरक्षा संबंधी समझौते होने की उम्मीद है। राष्ट्रपति फाउर अपने दौरे में गुजरात, गोवा और उत्तराखंड भी जाएंगे।
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