हल्द्वानी के दमुवादूंगा से लगे भद्ययूनी के जंगल में हुई भारी बारिश से लोगों की जिंदगी भर की कमाई बाढ़ की भेंट चढ़ गई। लोग पूरी रात अपने घरों में घुसे मलबे को साफ करते रहे। हर कोई कह रहा था कि 29 साल में बर्बादी का ऐसा मंजर नहीं देखा। इस बार कलसिया नाला पहली बार इतने उफान पर था। आपबीती बताते हुए कई महिलाएं रुआसी हो गईं। उनका कहना था कि एकबारगी तो उन्हें लगा कि आज कोई बचेगा ही नहीं। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। लोगों ने बताया कि वर्ष 1995 में कलसिया नाला उफनाया था इसके बाद कभी इतना नुकसान नहीं हुआ।
मलबा इतनी तेजी से आया कि वह कुछ समझ नहीं सके। आननफानन बच्चों को लेकर ऊपरी मंजिल पर भागे और जब नीचे आकर देखा तो सारा फर्नीचर तथा कपड़े खराब हो चुके थे। घर में रखा खाने-पीने का सामान और अन्य राशन बह गया। भीम सिंह ने बताया कि उनका पूरा घर बोल्डर और कीचड़ से भर गया था। किसी तरह परिजनों को निकाला। इस बीच बिजली गुल हो गई थी। इस वजह से भी सामान को बचाने में दिक्कत हुई।
पड़ोस में रहने वाली रामप्यारी ने बताया कि हम तो पूरे परिवार के साथ खाना खा रहे थे। जैसे ही मैं किचन में दोबारा खाना लेने गई, तभी जोर के धमाके के साथ कलसिया नाले का कीचड़ घर में घुस गया। घटना से क्षेत्र में चीखपुकार मच गई। एक दूसरे की मदद करने का किसी को मौका ही नहीं मिला।
प्रभावित घरों से रानी देवी, राजीव कुमार, मनीष कुमार, मोहम्मद युनुस आदि के परिवार के सभी सदस्य बाल्टी, बेलचे और अन्य बर्तनों की मदद से पानी और मलबा निकालने में जुटे रहे। मोहम्मद युनुस ने बताया कि तेज बहाव से आए मलबे केसमय वे सात परिजन घर में ही फंसे रह गए। बमुश्किल बाद में बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित निकाला।
बद्रीपुरा में भारी नुकसान की खबर पाकर विधायक सुमित हृदयेश अपने साथियों के साथ प्रभावित लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने प्रभावित लोगों का हाल जाना और सभी को हरसंभव मदद का भरोसा दिलरारूा। प्रशासन की ओर से एसडीएम परितोष वर्मा और तहसीलदार सचिन कुमार ने भी प्रभावितों का हाल जाना और बताया कि नुकसान का सर्वे कराकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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