मेरी इन बाहों में आकर…
जब कभी सिमटोगे तुम… मेरी इन बाहों में आकर,
मोहब्बत की दास्तां मैं नहीं मेरी धड़कने सुनाएंगी।
तुझमें समा जाऊँ…
जब यार मेरा हो पास मेरे,
मैं क्यूँ न हद से गुजर जाऊँ,
जिस्म बना लूँ उसे मैं अपना,
या रूह मैं उसकी बन जाऊँ।
लबों से छू लूँ जिस्म तेरा,
साँसों में साँस जगा जाऊँ,
तू कहे अगर इक बार मुझे,
मैं खुद ही तुझमें समा जाऊँ।
तड़प रहीं हैं साँसें…
तड़प रहीं हैं मेरी साँसें
तुझे महसूस करने को,
खुशबू की तरह बिखर जाओ
तो कुछ बात बने।
जान लुटा देते…
अपने दिल की जमाने को बता देते हैं,
हर एक राज से परदे को उठा देते हैं,
आप हमें चाहें न चाहें गिला नहीं इसका,
जिसे चाह लें हम उसपे जान लुटा देते हैं।