हिंदू पक्ष बोला- धार्मिक चरित्र के निर्धारण के लिए ज्ञानवापी के वजूखाने का सर्वे जरूरी

हिंदू पक्ष ने दलील दी कि विवादित स्थल के धार्मिक चरित्र के निर्धारण के लिए वजूखाने का एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) सर्वे आवश्यक है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वजूखाना क्षेत्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील किया गया है। इसका सर्वे नहीं किया जा सकता।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित वजूखाने की एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। हिंदू पक्ष ने दलील दी कि विवादित स्थल के धार्मिक चरित्र के निर्धारण के लिए वजूखाने का एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) सर्वे आवश्यक है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वजूखाना क्षेत्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील किया गया है। इसका सर्वे नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत राखी सिंह की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही है। मामले की अगली सुनवाई आठ नवंबर को होगी। याची राखी सिंह की ओर से जिला अदालत में वजूखाने की सर्वे के लिए अर्जी दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान जिला अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के कारण अर्जी में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था। इस आदेश को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग सुरक्षित रखने के लिए कहा
याची के वकील सौरभ तिवारी ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान दलील दी कि ज्ञानवापी परिसर की तरह वजूखाने का भी एएसआई सर्वे किया जाना चाहिए। यह भी दलील दी कि लक्ष्मी देवी की याचिका से यह भिन्न है। लक्ष्मी देवी मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश इसमें लागू नहीं होगा। हमने वजूखाने की एएसआई सर्वे की मांग की है, शिवलिंग की नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग को सुरक्षित व संरक्षित करने का आदेश दिया है, न कि सील किया है। ऐसे में वजूखाने का सर्वे किया जा सका है।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता एसएफ नकवी ने एएसआई सर्वे की मांग का विरोध किया। दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे क्षेत्र को सील किया है। ऐसे में यह याचिका पोषणीय नहीं है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com