यूं तो रामनगरी के सांस्कृतिक सौंदर्य की आभा से देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया रोशन है, लेकिन अयोध्या को भौतिक रूप से और चमाचम करने के लिए बिजली की लाइनों का अंडरग्राउंड होना भी जरूरी है। रामनगरी को बिजली के तारों के मकड़जाल से मुक्त कराने की महत्वाकांक्षी योजना धनाभाव में साल से ज्यादा समय से अटकी है। हालांकि, अयोध्या शहर के कुछ इलाके में तो बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड किया जा चुका है, लेकिन अभी भी आधे से ज्यादा शहर बिजली के तारों के मकड़जाल में उलझा है, जबकि यदि ये लाइनें अंडरग्राउंड हो जाएं तो न केवल नगरी का सौंदर्य और निखरे, बल्कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी मौजूदा से कहीं अधिक बेहतर होगी।
रामनगरी की बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड करने का प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है। प्रथम चरण में 60 करोड़ रुपये की लागत से 27 ट्रांसफार्मरों से जुड़ी लाइनों को अंडरग्राउंड किया भी जा चुका है, जिन इलाकों में बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड हुईं, वहां न केवल ट्रिपिग में कमी आई, बल्कि लाइनलॉस भी घटा। मौजूदा वक्त में इसका लाभ 65 सौ उपभोक्ताओं को मिल रहा है। इसके बाद दूसरे चरण के कार्य के लिए साल भर पहले ही शासन को 240 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन इसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है। इसी वजह से अयोध्या का बड़ा हिस्सा अभी भी बिजली के तारों के मकड़जाल में उलझा हुए है।
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99 ट्रांसफार्मर का काम बाकी
द्वितीय चरण में अयोध्या नगर के 99 ट्रांसफार्मर से जुड़ी लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाना है। ये ट्रांसफार्मर रामकीपैड़ी, ऋणमोचन घाट, साकेत उपकेंद्र के हैं। इसके अलावा अमानीगंज उपकेंद्र के भी दो फीडरों के ट्रांसफार्मरों की लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाना है। इस प्रस्ताव में 11 केवी की 45 किलोमीटर व 120 किलोमीटर की एलटी लाइनें अंडरग्राउंड होनी हैं। 33 केवी की 12 किमी लाइनों को अंडरग्राउंड करने का भी प्रस्ताव है। इसका लाभ नौ हजार 745 उपभोक्ताओं को मिलेगा।
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बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड करने के द्वितीय चरण के कार्य के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। वित्तीय स्वीकृति मिलते ही द्वितीय चरण का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
मनोज गुप्त
अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम
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हाल ही में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिग पर वार्ता हुई थी। इसमें भी इस विषय को रखा गया था। शीघ्र ही इस प्रस्ताव को स्वीकृति दिलाई जाएगी, जिससे बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड हो सकें।
वेदप्रकाश गुप्त
विधायक अयोध्या
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