अंडे खाने के शौकीन लोगों की जेब पर तगड़ी मार पड़ रही है। सर्दी शुरू होने के पहले ही अंडे की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। कभी भी पांच रुपये से ऊपर नहीं रहे अंडे के दाम सात से नौ रुपये तक पहुंच गए हैं। मांग और आपूर्ति का अंतर भी बढ़ता जा रहा है। कोरोना के चलते स्थानीय स्तर पर उत्पादन 50 फीसद तक कम हो गया है। उत्पादकों का मानना है कि आगे सर्दी का सीजन आ रहा है ऐसे में अंडे की मांग और कीमत दोनों बढ़ेगी।
90 से 180 रुपये पहुंचा एक ट्रे का दाम
कोरोना महामारी से निपटने के लिए मार्च में लगे लाकडाउन से अंडे का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था। यहां तक कि उत्पादकों की लागत तक नहीं निकल रही थी। नतीजतन, चालीस फीसद पोल्ट्री उद्योग बंद हो गए, लेकिन अब मांग बढ़ते ही अंडे की कीमतों में मजबूती देखी जा रही है। चार महीने की भीतर अंडे की कीमत करीब दोगुनी हो गई है। जुलाई में अंडा 90 रुपये ट्रे (30 अंडे) था जो अब 180 रुपये पहुंच गया है।
मक्का, सोया की खली, चिक्स स्टोन एवं मेडिसीन का दाम बढ़ने से अंडे की उत्पादन लागत भी बढ़ गई है। पाल्टी फार्म संचालक मो. शहाब सिद्दीकी के मुताबिक लाकडाउन के दौरान अंडे को कोरोना से जोड़ने के कारण इस उघोग को भारी नुकसान उठाना पड़ा। कइयों को अपने यहां मुर्गियों की संख्या में कटौती करनी पड़ी या उन्होंने अपना धंधा पूरी तरह से बंद कर दिया।
इसलिए बढ़ा मूल्य
अंडों का उत्पादन सीधे तौर पर फीड कास्ट से जुड़ा हुआ है। अंडा देने वाली मुर्गियां मक्का, मूंगफली की खली, ज्वार, बाजरा और सोया खाती हैं। इसके चलते जब अनाज की कीमतें बढ़ती हैं तो अंडा उत्पादन की लागत भी उसी अनुपात में बढ़ जाती है। राजकुमार सिंह बताते हैं कि मार्च से जुलाई तक एक अंडे की कास्ट चार रुपये आ रही थी, लेकिन उसे 2.80 से लेकर 3.05 रुपये बेचा जा रहा था। यही वजह है कि 40 फीसद पोल्ट्री फार्म बंद हो गए।
एक नजर आंकड़ों पर
गोरखपुर-बस्ती मंडल में प्रतिदिन अंडे की खपत – 35 लाख
लाकडाउन से पहले प्रतिदिन 20 से 22 लाख अंडे का होता था उत्पादन
कोरोना इफेक्ट के चलते 40 फीसद पोल्ट्री फार्म हुए बंद
अब प्रतिदिन प्रोडक्शन हो रहा 12 से 14 लाख